ब्रॉकली से ब्रेस्ट कैंसर के उपचार की तैयारी
स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए यह शोध किसी वरदान से कम नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए ब्रॉकली (एक प्रकार की गोभी) का प्रयोग लाभदायक साबित हो सकता है।
By Edited By: Updated: Sun, 19 Aug 2012 02:54 PM (IST)
लंदन। स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए यह शोध किसी वरदान से कम नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए ब्रॉकली (एक प्रकार की गोभी) का प्रयोग लाभदायक साबित हो सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि ब्रॉकली स्तन कैंसर पर प्रतिकूल प्रभाव डालकर उसे बढ़ने से रोकता है। हालिया हुए एक शोध में पता चला है कि ब्रॉकली खाने से शरीर में एक ऐसे तत्व का निर्माण होता है जो स्तनों की कोशिकाओं को क्षय से बचाता है। वैज्ञानिक इसी तत्व सल्फोराफेन को दवाइयों में मिलाकर स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के उपचार की तैयारी कर रहे हैं। यह भी माना जा रहा है कि गोभी या ब्रॉकली गठिया और अन्य प्रकार के कैंसर में भी सहायक सिद्ध होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सल्फोराफेन के प्रयोग से शरीर में कैंसर निरोधी तत्व बनते हैं। नॉरविच के खाद्य अनुसंधान संस्थान की वैज्ञानिक डॉक्टर मारिया ट्राका ने कहा कि सल्फरोफेन बहुत आवश्यक तत्व है। शोध में मिले प्रमाणों से पता चलता है कि इससे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का संतुलन बना रहता है। इस लिहाज से हफ्ते में तीन से चार बार ब्रॉकली का सेवन लाभदायक है। ब्रॉकली को खाने से मिलने वाले पदार्थ ग्लूकोराफेनिन से हमारे शरीर में सल्फोराफेन बनता है। माना जाता है कि सल्फोराफेन जीन पर प्रभाव डालता है। जिससे एंटीआक्सीडेंट के स्तर में बढ़ोलरी होती है। इससे एचडीसी एंजाइम की रोकथाम होती है और ट्यूमर की वृद्धि रुक जाती है। शोध से पता चलता है कि इससे कैंसर के उन मूल कोशिकाओं का भी विस्तार रुकता है जो कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी में रुकावट पैदा करते हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर