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अंडाणु दान से महिलाओं की जान को हो सकता है खतरा

कुछ महिलाएं किसी नजदीकी रिश्तेदार का दामन संतान की खुशियों से भरने के लिए अंडाणु दान करती हैं तो कई युवतियां व महिलाएं पैसे के लिए ऐसा करती हैं। लेकिन ऐसा करना जानलेवा हो सकता है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Tue, 23 Aug 2016 08:53 AM (IST)

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। नि:संतान दंपतियों के संतान प्राप्ति के लिए आइवीएफ कारगर तकनीक साबित हो रही है। इसके चलते स्पर्म के साथ-साथ अंडाणु (एग) दान का चलन भी बढ़ा है। कुछ महिलाएं किसी नजदीकी रिश्तेदार का दामन संतान की खुशियों से भरने के लिए अंडाणु दान करती हैं तो कई युवतियां व महिलाएं पैसे के लिए ऐसा करती हैं। लेकिन ऐसा करना जानलेवा भी साबित भी हो सकता है।

ऐसे ही एक मामले को एम्स फारेंसिक विभाग के डॉक्टरों ने अंतर्राष्ट्रीय मेडिकल जर्नल (मेडिको लिगल जर्नल) में रिपोर्ट किया है। इसमें कहा गया है कि हाल ही में दिल्ली में अंडाणु दान के चलते 26 वर्षीय महिला की मौत हो गई। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है।यह मामला दक्षिणी दिल्ली का है। वह शादीशुदा महिला एक अनजान डोनर थी जो कुछ माह पहले एक आइवीएफ सेंटर में अंडाणु दान करने पहुंची थी। उसके साथ उसका पति आइवीएफ सेंटर में मौजूद नहीं था। उसने अपनी पहचान गुप्त रखी थी। अंडाणु दान की प्रक्रिया के कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसके पति ने डॉक्टरों की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाया।

एम्स के फारेंसिक विभाग के डॉक्टरों की टीम ने उस महिला के शव का पोस्टमार्टम किया। इसे एम्स के डॉक्टरों ने अब मेडिको लीगल जर्नल में प्रकाशित किया है। अपने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में एम्स के डॉक्टरों ने ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम से उसकी मौत होने की पुष्टि की। विभाग के प्रोफेसर डॉ. डीएन भारद्वाज ने कहा कि अंडाणु दान कराने के लिए हार्मोनल दवा दी जाती है, जिससे अंडाणु का उत्सर्जन होता है। डोज पहले से तय है। यह बहुत सरल प्रक्रिया है, फिर भी कई बार दुष्प्रभाव होने का खतरा रहता है। सहायक प्रोफेसर चित्तरंजन बेहरा ने कहा कि यह बहुत ही दुर्लभ मामला है।

किसी जर्नल में पहली बार इस तरह का मामला प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहा कि अंडाणु दान आजकल अधिक हो रहे हैं। कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्रएं भी दान करती हैं पर यह कई बार खतरनाक साबित हो सकता है। दिल्ली में दो तरह के दान होते हैं। आइसीएमआर ने इसके लिए दिशा निर्देश तय किए हैं। अंडाणु दान सिर्फ वही महिलाएं कर सकती हैं, जिसे कम से कम एक बच्चा हो। इसके अलावा और भी कई प्रावधान हैं। क्योंकि इसमें खतरा भी है। हालांकि, महिला की मौत के मामले में चिकित्सीय लापरवाही थी या नहीं, इस पर डॉक्टरों ने कुछ नहीं कहा।

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