Move to Jagran APP

धूम्रपान नहीं सिर्फ धुएं के सम्पर्क में आने से हर साल होती है 6 लाख मौत

सिगरेट या बीडी पीने वाला व्यक्ति जब स्मोकिंग कर रहा होता है वह एक्टिव स्मोकिंग कहलाती है। और इस दौरान आप भी उसके पास बैठकर पेसिव स्मोकिंग कर रहे होते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 06 Jul 2016 09:44 AM (IST)

सब जानते है कि धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक है। लेकिन जहां धूम्रपान किया जा रहा है और आप वहां बैठे हैं तो वह धुआं आपकी सेहत के लिए भी उतना ही खतरनाक है जितना सिगरेट पीने वाले के लिए। क्योंकि सिगरेट या बीडी पीने वाला व्यक्ति जब स्मोकिंग कर रहा होता है वह एक्टिव स्मोकिंग कहलाती है। और इस दौरान आप भी उसके पास बैठकर पेसिव स्मोकिंग कर रहे होते हैं।

डब्लयूएचओ के मुताबिक, तंबाकू की वजह से दुनिया में हर साल 60 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जिनमें से 6 लाख वैसे लोग भी शामिल हैं, जो खुद धूम्रपान नहीं करते, लेकिन इसके संपर्क में आ जाते हैं। तंबाकू से निकले धुएं के संपर्क में आने वाले लोगों को पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है। जो लोग इस माहौल में सांस लेते हैं, वे धूम्रपान करने वालों के समान ही निकोटिन और विषैले रसायन लेते हैं, जो हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं।

एक शोध के मुताबिक, जो लोग 35 से 39 की उम्र में धूम्रपान छोड़ देते हैं, उनकी उम्र 6 से 9 साल बढ़ जाती है। छोड़ने से फेफड़ों और गले के कैंसर, अस्थमा, सीओपीडी, कैट्रेक्ट और मसूड़ों की बीमारियां के साथ साथ दिल के रोगों का खतरा टल जाता है।

पढ़ें- दस साल बाद होने वाली बीमारी के बारे में पहले ही बता देगा आपका खून

सुबह -सुबह इन कामों के है भारी नुकसान