दर्द में पेन रिलीवर नहीं योग, एक्यूपंक्चर और ताई ची अपनाएं-विशेषज्ञ
अध्ययन में पाया गया कि बुनियादी उपचार के तौर पर उपलब्ध उपायों का इस्तेमाल करने से पुराने दर्द से जूझ रहे मरीजों को खासा फायदा पहुंचा।
वाशिंगटन। पीठ और गर्दन का दर्द, गठिया और माइग्रेन जैसे पुराने दर्द में योग, ताई ची और एक्यूपंचर काफी मददगार साबित हो सकते हैं। एक नए शोध में यह बात सामने आई है।
अध्ययन में पाया गया कि बुनियादी उपचार के तौर पर उपलब्ध उपायों का इस्तेमाल करने से पुराने दर्द से जूझ रहे मरीजों को खासा फायदा पहुंचा।शोधकर्ताओं ने पाया कि लाखों अमेरिकी पुराने दर्द का सामना करते हैं और औषधियों ने उनको पूरा फायदा नहीं मिल पाता है।दवाओं से राहत नहीं मिलने पर लोग कई बार उपचार के वैकल्पिक उपायों का रूख करते हैं।
‘यूएस नेशनल सेंटर फॉर कंप्लीटमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ’ (एनसीसीआईएच) के रिचर्ड एल नाहिन ने कहा, ‘पुराने दर्द का सामना कर रहे बहुत सारे अमेरिकी नागरिकों के लिए दवाओं से पूरा फायदा नहीं मिलता और दवाओं से भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ऐसे में लोगों ने दर्द के उपचार के लिए दूसरी विधाओं का रूख किया।’
हर साल 126 मिलियन अमेरिकियों को इस प्रकार के दर्द की समस्या रहती है। इनमें से 40 लाख लोग गंभीर दर्द से पीड़ित हैं। कई लोग हैं जिन्हें दवाओं से पूरी राहत नहीं मिलती वो योग, एक्यूपंक्चर और ताई ची की कला का सहारा ले रहे हैं।