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हलवा खाने से भी दूर हो सकती है ये बीमारियों

आटे और सूजी से तैयार किया गया हलवा खाने से कई प्रकार की मस्तिष्क संबंधी बीमारियां जैसे सिरदर्द और माइगे्रन की समस्या में काफी आराम मिलता है।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Thu, 11 Aug 2016 10:24 AM (IST)
हलवा तो सभी घरों में बनाया और खाया जाता है। पूजा के समय प्रसाद के रूप में हलवा बनाकार बांटा भी जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके सेवन से बहुत सी बीमारियां भी ठीक हो सकती हैं। आटे और सूजी से तैयार किया गया हलवा खाने से कई प्रकार की मस्तिष्क संबंधी बीमारियां जैसे सिरदर्द और माइगे्रन की समस्या में काफी आराम मिलता है।

वैदिकवाटिका.कॉम के अनुसार अत्याधिक तनाव और सिरदर्द के कारण न्यूरो वेस्कुलर डिसऑर्डर की समस्या हो जाती है। भारतीय शोधकर्ताओं ने एकसाल तक पांच सौ से भी अधिक सिरदर्द और माइग्रेन के रोगियों की डाइट में हलवे को शामिल किया और बाद में जो नतीजे आये वो वाकई चौंकाने वाले थे। इन पांच सौ लोगों में से अधिकांश लोग इस समस्या से मुक्त पाये गये। शोधकर्ताओं के अनुसार आटे और सूजी में मौजूद पौष्टिकगुण सीधे माइग्रेन और दिमागी बीमारियों पर असर डालते हैं।

लेकिन ऐसे रोगियों के लिये हलवा बनाते समय इन बातों का अवश्य ध्यान रखें। हलवे के लिये हमेशा गेहूं के मोटे आटे का ही प्रयोग करें। आप चाहें तो सूजी का हलवा भी बना सकते हो। चीनी की जगह हलवे में गुड़ का प्रयोग करें। अगर चीनी का प्रयोग ही करना चाहते हैं तो बाजार में मिलने वाली ब्राउन शुगर का ही इस्तेमाल करें। हलवा अगर गाय के घी से बनाया जाये तो ये अधिक फायदेमंद होगा।

गर्भावस्था में अक्सर महिलाएं कमजोरी महसूस करती हैं। ऐसे में उन्हें हलवा खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि हलवे के सेवन से दुर्बल शरीर का ताकत मिलती है।

सिरदर्द और माइगे्रन की समस्या है तो सुबह सूर्य निकलने से पहले गर्मागर्म हलवा खाना चाहिये। इससे माइग्रेन की समस्या से आपको निजात मिलेगी।

हलवे को अधिक पौष्टिïक और स्वास्थयवद्र्धक बनाने के लिये इसमें सूखे मेवे, इलायची और केसर का प्रयोग करें। हलवा खाने के बाद इसके ऊपर भूलकर भी पानी न पियें, आप चाहें तो गुनगुने पानी में अजवायन डालकर पी सकते हैं।

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