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गर्मियों में रहें स्वस्थ

मौजूदा मौसम हमारे लिए कुछ बीमारियां भी साथ लेकर आता है। आइए इनके बारे में जानें और ध्यान रखें ताकि हम रोगों से दूर रह सकें...

By Babita kashyapEdited By: Updated: Thu, 14 Apr 2016 03:54 PM (IST)
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मौजूदा मौसम हमारे लिए कुछ बीमारियां भी साथ लेकर आता है। आइए इनके बारे में जानें और ध्यान रखें ताकि हम रोगों से दूर रह सकें...

गर्मियों में होने वाले रोग

’ तापमान के बढ़ने से लू लगना।

’ प्रदूषित पानी से पीलिया, टाइफाइड, दस्त और हैजे सरीखी बीमारियों का बढ़ना ।

’ तापमान बढ़ने से वाइरस से होने वाले रोग

जैसे- चिकन पॉक्स, मम्प्स और फ्लू।

लू लगने के कारण

धूप और पानी की कमी के कारण शरीर की तापमान नियंत्रक प्रणाली खराब हो जाती है।

लक्षण

’ सिरदर्द होना, सुस्ती आना।

’ उल्टी और सिर दर्द होना।

अन्य लक्षण

’ बेहोशी आना और दौरे पड़ना।

’ तेज बुखार होना और पेशाब कम होना।

उपचार

’ शीघ्र ही पीड़ित व्यक्ति को गर्मी वाली जगह से

हटाकर ठंडे स्थान पर ले जाएं।

’ ठंडे पानी से शरीर को पोंछें।

’ अगर व्यक्ति होश में है, तो तरल पदार्थ पिलाएं।

’ पीड़ित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाएं।

दूषित पानी से होने वाले रोग

इस मौसम में स्वच्छ पेयजल की कमी हो जाती है। लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हो जाते हैं। तापमान बढ़ने से जीवाणु भी जल्दी बढ़ने लगते हैं। कम पानी और खाद्य पदार्र्थों में जीवाणुओं के कुछ ज्यादा पनपने से बीमारियां जल्दी फैलती हैं।

लक्षण: बुखार, उल्टी, दस्त, भूख न लगना, पेशाब पीली आना और शरीर में पानी की कमी होना दूषित पानी से होने वाले रोगों के कुछ प्रमुख लक्षण हैं।

उपचार

’ पीड़ित व्यक्ति को नमक-चीनी का घोल पिलाएं।

’ लस्सी, नारियल पानी, नीबू पानी या सत्तू का सेवन करें।

’ हल्का भोजन दें।

’ आराम न मिलने की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें।

वाइरस से होने वाली बीमारियां

गर्मियों में चिकन पॉक्स, मम्प्स और फ्लू के मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है क्योंकि गर्म तापमान में इन रोगों के वाइरस के जल्दी पनपते और फैलते हैं।

लक्षण: बुखार आना, शरीर पर पानी जैसे द्रव से भरे छाले होना और गले में दर्द रहना आदि।

उपचार: बुखार के लिए पैरासीटामोल लें। पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने को दें। बीमार व्यक्ति को घर पर आराम करना चाहिए ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके। डॉक्टर की सलाह लें।

बचाव

’ छोटे बच्चे और बुजुर्र्गों पर खास ध्यान दें,

’ पर्याप्त तरल पदार्थ जैसे-पानी, लस्सी, नारियल पानी, नीबू पानी, सत्तू आदि का प्रयोग करें।

डॉ. सुशीला कटारिया सीनियर फिजीशियन

मेदांता दि मेडिसिटी, गुड़गांव