ऐसे होती है महिलाओं में डिप्रेशन की पहचान !
आज हम आपकों बताएंगे डिप्रेशन से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्य जिन्हें जानकर आप इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं।
आज की भागती दौड़ती जिंदगी मे कोई भी व्यक्ति तनाव यानि डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। अगर बात की जाएं कामकाजी महिलाओं की तो उनपर डिप्रेशन का खतरा ज्यादा मंडराता है। क्योंकि महिलाओं का घर से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक और ऑफिस के भी काम देखने होते हैं। इसलिए इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं को अपने लिए सुकून के कुछ पल निकालना मुश्किल हो जाता है और वह तनाव का शिकार होने लगती है।आज हम आपकों बताएंगे डिप्रेशन से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्य जिन्हें जानकर आप इस बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं।
अनइवेन डाइट
डिप्रेशन की शिकार महिलाओं की डाइट अनइवेन हो जाती है। अच्छा महसूस करने के लिए वे बहुत अधिक खाती हैं या फिर अवसाद में दुखी होकर भोजन ही नहीं करतीं।
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नींद न आना
डिप्रेशन का नींद से बहुत गहरा संबंध होता है। खासतौर पर महिलाओं पर डिप्रेशन के दो तरह से प्रभाव पड़ते हैं, या तो उन्हें नींद नहीं आती या फिर नींद बहुत अधिक आती है।
मूंड का बदलना
डिप्रेशन में महिलाओं को मूड स्विंग की प्रॉब्लम होने लगती है। कई बार मूड इस कदर बदलता है कि उन्हें घबराहट शुरू हो जाती है।
अरुचि
डिप्रेशन के चलते कई बार महिलाओं की हर बात से रुचि खत्म होने लगती है। महिलाएं अपनी दिनचर्या या आस-पास के लोगों में रुचि कम कर देती हैं।
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