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जानिए क्यों होता है वंशानुगत बीमारियों से छुटकारा पाना बेहद मुश्किल

शोधकर्ताओं ने पता लगाने की कोशिश की है कि यह 'आनुवंशिक जीन' वाली बीमारियां कई पीढ़ियों तक कैसे बनी रहती हैं

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Tue, 06 Sep 2016 09:11 AM (IST)

कैंसर और अल्जाइमर जैसी कुछ बेहद खतरनाक बीमारियां कई-कई पीढ़ियों तक पीछा करती हैं और जल्द खत्म नहीं होतीं। शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि यह 'आनुवंशिक जीन' वाली बीमारियां कई पीढ़ियों तक कैसे बनी रहती हैं और क्रमिक विकास के प्राकृतिक नियम के मुताबिक इनके जीन गायब क्यों नहीं होते।
शोधकर्ताओं ने पाया कि यह प्रक्रिया हमें रोगजनक कारकों को मारने में भी मदद करता है। हमारे जीन में उत्परिवर्तन की वजह से वंशानुगत बीमारियों के होने की आशंका ज्यादा रहती है।वैज्ञानिकों का कहना है कि नुकसानदायक जीन को बचाना प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया को संतुलित करने जैसा है। उदाहरण के लिए जब एक ही जीन कई कारकों को नियंत्रित करता है और उनके लिए जरूरी है, ऐसे में इसे चयन प्रक्रिया में उसे नुकसान नहीं पहुंचाया जाता।
जर्मनी के प्लोन स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी बायोलॉजी और हावर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया कि ज्यादा खतरे वाले ये मानव जीन प्राकृतिक चयन के दौरान नष्ट क्यों नहीं हो जाते। उनके विश्लेषण में सामने आया कि लगातार नए रोग पैदा करने वाले कारकों की वजह से विकास की प्रक्रिया में हमारे जीन की इम्यून की विविधता बढ़ जाती है। जीन में विविधता का होना एक अच्छी बात है। इससे विकास की प्रक्रिया में मानव को अपने बदलते वातावरण से तालमेल बिठाने में आसानी होती है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि इस तरह की विविधता नजदीकी डीएनए के अंश को बढ़ावा देती है। इसी वजह से हमारे नुकसानदायक जीन लगातार बने रहते हैं। पत्रिका 'जर्नल मॉलिक्यूलर बॉयोलाजी और इवोल्यूशन' में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि मानव अस्तित्व के लिए नुकसादायक जीन का पाया जाना जैवविविधता के लिए हमारी चुकाई गई कीमत है।

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