Move to Jagran APP

कम पढ़े-लिखे युवाओं में अधिक होता है मोटापा बढ़ने का खतरा

कम पढ़े-लिखे या कम आय वाले पड़ोसियों के बीच रहने से किशोरो में मोटापा का खतरा बढ़ जाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2016 09:05 AM (IST)

एक शोध की मानें तो कम पढ़े-लिखे या कम आय वाले पड़ोसियों के बीच रहने से किशोरो में मोटापा का खतरा बढ़ जाता है। शोध के मुताबिक ऐसे लोगों के बीच रहने से 25 प्रतिशत नौजवान अधिक वजन या मोटापा का शिकार हो गए। कैसर परमानेंट साउदर्न कैलिफोर्निया के शोध एवं निरूपण विभाग के शोधकर्ता देबोराह रोह्म यंग का कहना है कि युवावस्था की ओर बढ़ने के दौरान अधिक वजन बढ़ने के लिए कई कारणों से संकटपूर्ण समय है। इनमें बहुत सारे किशोर घर से कॉलेज जाने के लिए निकलते हैं और खाने के लिए उन्हें और आजादी मिल जाती है।

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने सामान्य वजन वाले 18 साल की उम्र के विभिन्न जातीय आधार वाले 22 हजार 823 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की और उन पर लगातार चार साल तक नजर रखा. इस अध्ययन के दौरान मोटापे के लैंगिक आधार पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को आधार बनाकर इन पर नजर रखी गई।
चार साल बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि 23 फीसदी सामान्य वजन वाले उन किशोरों का वजन ज्यादा बढ़ गया जो कम पढ़े-लिखे पड़ोसियों के साथ रहते थे और जो कम आय वाले पड़ोसियों के साथ रहते थे, उनमें से दो प्रतिशत मोटापे के शिकार हो गए। इसके अलावा महिलाओं एवं अश्वेतों को पुरुषों एवं श्वेतों के मुकाबले 1.7 एवं 1.3 प्रतिशत मोटे होने का अधिक खतरा था।

यंग ने पेड्रियाट्रिक ओबेसिटी नामक पत्रिका में प्रकाशित अपने लेख में कहा है, "हमारे अध्ययन में पाया गया है कि सुविधाहीन जगहों में रहने वाले किशोरों का वजन बढ़ जाने या मोटापा के शिकार होने का खतरा अधिक होता है। इसके बढ़ने के संभावित कारण कौन से हैं, इसका पता हम नहीं लगा पाए। इसके कारकों में सांस्कृतिक मानदंड के साथ-साथ सार्वजनिक पार्क और किराना दुकान तक नहीं जा पाना शामिल हो सकता है। "

पढ़ें- मधुमेह से दो तिहाई से ज्यादा लोग खो चुके हैं आंखों की रोशनी

मोटापे से हो सकता है आठ तरह का कैंसर