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लंबाई घटा सकता है ऑस्टियोपोरोसिस

हड्डियों के बीच के डिस्क पतले हो गए हैं। इससे उनकी लंबाई में पांच सेमी की कमी आ गई।

By Babita kashyapEdited By: Updated: Thu, 20 Oct 2016 04:34 PM (IST)
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हेमन्त पाठक, गोरखपुर। गोरखपुर की रहने वाली 60 वर्षीय एक महिला को बीते एक साल से पीठ में दर्द की शिकायत थी। सिंकाई व मालिश का सहारा ले रही थीं। बाद में दर्द बढऩे पर डॉक्टर को दिखाया। यहां एक्स-रे व बीएमडी डेक्सा स्कैन से पता चला कि उनकी रीढ़ की हड्डी बेहद कमजोर है। कई जगह फ्रैक्चर हो गया है। हड्डियों के बीच के डिस्क पतले हो गए हैं। इससे उनकी लंबाई में पांच सेमी की कमी आ गई।

इस तरह की मुसीबत से रूबरू होने वाली वह अकेली मरीज नहीं हैं। पूर्वांचल में ऐसे लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है। ऑस्टियोपोरोसिस इस इलाके में पांव जमाता जा रहा है। बीमारी चुपके-चुपके हड्डियों को कमजोर करती जाती है। मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के पूर्व चिकित्सक डॉ. इमरान अख्तर के मुताबिक अक्सर इसका पता तब चलता है जब रीढ़, कलाई या कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है। बीमारी अंदर ही अंदर हड्डियों को इस तरह पतला, कमजोर व खोखला कर देती है कि हल्की चोट से भी हड्डी टूट जाती है।

लंबाई घटने के कारण

-रीढ़ की हड्डियों में फ्रैक्चर या इन हड्डियों के बीच डिस्क का सूख जाना।

- रीढ़ ही एक हड्डी का दूसरी हड्डी पर सरक जाना।

- जोड़ों में गठिया।

यह है वजह

- व्यायाम व शारीरिक श्रम की कमी।

- फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन।

- दूध, इससे बने पदार्थों व कैल्शियम युक्त व पोषक पदार्थों के कम सेवन।

- आंत, लिवर या किडनी की बीमारी, रुमेटाइड आर्थराइटिस, गर्भावस्था।

- अधिक शराब का सेवन व धूमपान।

- महिलाओं में मासिक धर्म बंद होने तथा एक खास तरह का हॉर्मोन।

बीमारी के लक्षण

- कमर या पीठ में लगातार दर्द की शिकायत हो।

- मामूली चोट पर भी हड्डियों में फ्रैक्चर या सूजन।

- लंबाई कम होना।

ऐसे करें बचाव

- दूध या इससे बने पदार्थों, प्रोटीन व दूसरे पोषक तत्वों को भोजन में करें शामिल।

- रजोनिवृत्त महिलाएं खासतौर पर कैल्शियम व विटामिन डी युक्त भोजन का सेवन करें।

- फास्ट फूड के सेवन से बचें।

- 40-45 की उम्र के बाद हड्डियों के घनत्व की नियमित जांच कराएं।

- रोग का लक्षण दिखते ही तत्काल इलाज कराना चाहिए।