मोटापे के दुष्प्रभाव से अनजान हैं दिल्ली-एनसीआर के लोग
मैक्स अस्पताल द्वारा कराए गए एक सर्वे में 80.7 फीसद लोगों का वजन सामान्य से अधिक व मोटापे से ग्रस्त पाए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। खानपान में जंक व फास्ट फूड के बढ़ते इस्तेमाल से दिल्ली-एनसीआर में लोगों में मोटापा बढ़ रहा है। मैक्स अस्पताल द्वारा कराए गए एक सर्वे में 80.7 फीसद लोगों का वजन सामान्य से अधिक व मोटापे से ग्रस्त पाए गए हैं। खास बात यह कि इनमें से ज्यादातर लोग खुद को मोटे नहीं मानते। इसके अलावा ज्यादातर लोगों को मोटापे के चलते होने वाली बीमारियों व दुष्प्रभावों की जानकारी नहीं है। जबकि मोटापे के चलते मधुमेह, हृदय व किडनी की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। मैक्स अस्पताल ने दिल्ल-एनसीआर में 1000 लोगों पर एक सर्वे किया। जिसमें 20 से 45 वर्ष की उम्र के लोग शामिल हुए।
मैक्स अस्पताल के मेटाबोलिक व बैरियाटिक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. प्रदीप चौबे ने कहा कि सर्वे में शामिल 80.7 फीसद लोगों ने कहा कि उनका बीएमआइ (बॉडी मास इंडेक्स) 25 से ज्यादा है। फिर भी सिर्फ 21.5 फीसद लोग ही खुद को मोटापे से ग्रस्त मान रहे थे।यह दोनों ही परिस्थितियां आश्चर्य जनक है। उन्होंने कहा कि मोटापा सिर्फ शारीरिक सौंदर्य को ही प्रभावित नहीं करता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इसके चलते मधुमेह, ब्लड प्रेशर, हृदय, किडनी, जोड़ों व खर्राटे की बीमारी हो सकती है।
हालांकि सर्वे में यह बात समाने आई कि लोगों में जानकारी व जागरूकता का अभाव है। सर्वे में शामिल सिर्फ 18.5 फीसद को मालूम था कि मोटापे से मधुमेह हो सकता है। पुरुष या महिला 70 फीसद लोगों को नहीं मालूम कि मोटापे से ब्लड प्रेशर की बीमारी हो सकती है। 65.4 फीसद पुरुष व 73.6 फीसद महिलाओं को यह जानकारी नहीं कि मोटापे से घुटनों व जोड़ों की समस्या होती है। 193.5 फीसद पुरुष व 76.8 फीसद महिलाओं को नहीं पता है कि मोटापे से किडनी खराब हो सकती है। 94.9 फीसद पुरुष व 96.2 फीसद महिलाओं को नहीं पता कि मोटापे से खर्राटे की समस्या होती है। 80.3 फीसद पुरुष व 82.1 फीसद महिलाओं को मोटापे के चलते मधुमेह होने की जानकारी नहीं है। इस वजह से लोग मोटापे को गंभीरता से नहीं लेते। जबकि मोटापा बीमारी है। उन्होंने कहा कि मोटापा अधिक हो तो बैरियाटिक सर्जरी से इलाज कराया जा सकता है।