पावर योगा शक्ति का स्रोत
शरीर के लिए बेहद लाभप्रद माना जाता है पावर योगा। युवा ही नहीं, दुनिया में हर आयु वर्ग के लोग समझ चुके हैं इसकी शक्ति।
पावर योगा और कुछ नहीं बल्कि भारत के प्राचीन अष्टांग योग का अमेरिकन एथलेटिक स्टाइल है।’ यह कहना है मेदांत दि मेडिसिटी, गुड़गांव के योगाचार्य गीताकृष्णन का। योग का यह पाश्चात्य संस्करण दुनियाभर में काफी लोकप्रिय है। सेलेब्रिटीज के मध्य भी पावर योगा काफी लोकप्रिय है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उनमें भी यह काफी लोकप्रिय है।
ऐसे हुई शुरुआत
90 के दशक में अमेरिका में बेरिल बेंडर वर्क और ब्राएन केस्ट ने पावर योगा की शुरुआत की थी। इन दोनों योग गुरुओं ने भारत के अष्टांग योग विशेषज्ञ पट्टाभि जॉइस से प्रशिक्षण हासिल किया था।
अष्टांग से संबंध
गीता कृष्णन के अनुसार भारतीय योग के कुछ विशिष्ट योगासनों और सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप्स को मिलाकर पावर योग निर्मित किया गया है। वहीं डॉ. जीवा आयुर्वेद के योगाचार्य हरीश मोहन, का कहना है कि पावर योगा की अष्टांग योग से ही उत्पत्ति हुई है लेकिन यह अष्टांग योग नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अष्टांग योग में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार (इंद्रियों पर नियंत्रण), धारणा, ध्यान और समाधि को शामिल किया जाता है जबकि पावर योग में कुछ विशिष्ट श्रमसाध्य आसनों को ही शामिल किया जाता है। आयुर्वेद के अतिरिक्त योग की भी जानकारी रखने वाले डॉ. प्रताप चौहान कहते हैं कि पावर का मतलब है शक्ति। पावर योग में आसन ही किए जाते हैं लेकिन उन्हें शक्ति और गति के साथ अंजाम दियाजाता है। अष्टांग योग के आसन धीरे- धीरे किए जाते हैं और इनमें सांस-प्रश्वास की प्रक्रिया पर भी ध्यान दिया जाता है, दो आसनों के मध्य शवासन भी कर सकते हैं लेकिन पावर योगा के आसन कहींज्यादा श्रमसाध्य होते हैं।
शरीर के अनुरूप आसन
गीताकृष्णन के अनुसारपावर योगा वर्क आउट जैसा है। इसमें किए जाने वाले आसनों में शारीरिक श्रम परअधिक जोर दिया जाता है। हरीश मोहन के अनुसार पावर योगा में किसी व्यक्ति की बॉडी के अनुसार ही इंस्ट्रक्टर उसको समझाते हैं। पावर योगा में सामान्यत: लोगों की बॉडी के चार आकार (शेप) शुमार किए जाते हैं। पियर शेप, एप्पल शेप, नॉर्मल शेप और ट्यूब शेप। हरेक के लिए अलग प्रकार के योगासन होते हैं।
शरीर बनाए सुडौल
गीताकृष्णन के अनुसार शरीर को सुडौल बनाने और अतिरिक्त वसा को कम करने में पावर योगा लाभप्रद है। पावर योगा के आसन व पोस्चर्स को स्पीड के साथ अंजाम दिया जाता है, इस कारण पसीना अधिक निकलता है और शरीर में संचित अतिरिक्त वसा ज्यादा बर्न होता है।
तनाव आए काबू में
पावर योगा करने से तनाव कम होता है। शरीर से अतिरिक्त पसीना निकलने से देह को नुकसान पहुंचाने वाले टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर तनावमुक्त हो जाता है और एकाग्रता बढ़ती है। पावर योगा, शरीर को चुस्तदुरुस्त रखने के लिए नायाब है। यह सोलह से तीस साल तक के युवक और युवतियों के लिए ज्यादा उपयुक्त है।
बरतें सावधानियां
योगाचार्य हरीश मोहन के अनुसार हृदय रोगियों और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को पावर योगा नहींकरना चाहिए। इसी तरह गर्भवती महिलाओं को यह नहीं करना चाहिए। प्रताप चौहान के अनुसार यह पहले से ही शारीरिक तौर पर स्वस्थ लोगों खासकर युवा वर्ग के लिए उपयुक्त है। बुजुर्गों के लिए नहीं। गीताकृष्णन के अनुसार जो लोग जिम नहींजाना चाहते हैं, उनके लिए पावर योगा उपयुक्त है लेकिन इसके अंत में शवासन और मेडिटेशन करना चाहिए। कारण यह है कि अधिक परिश्रम वाले इन व्यायामों को करने के बाद थकान ज्यादा महसूस होती है।
विवेक शुक्ला
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