जानिए, बर्ड फ्लू के लक्षण और रोकथाम के उपाय
दुनिया भर में आज तक इस वायरस की चपेट में आने से किसी इंसान की मौत नहीं हुई है
चिड़ियाघर में पिछले दिनों पक्षियों की मौत एच 5 एन 8 वायरस की चपेट में आने से हुई है। यह वायरस भी बर्ड फ्लू है। इसकी चपेट में आने से पक्षियों की मौत तो होती है, लेकिन दुनिया भर में आज तक इस वायरस की चपेट में आने से किसी इंसान की मौत नहीं हुई है। बर्ड फ्लू का एच 5 एन 1 वायरस खतरनाक होता है। यह आसानी से इंसानों में फैल जाता है। इससे फेफड़ों में संक्रमण होता और इसकी चपेट में आने वाले 90 फीसद लोगों को जान का खतरा होता है। पक्षियों की जितनी अधिक संख्या होती है उतनी ही तेजी से यह बीमारी फैलती है।
रिपोर्ट के अनुसार इन पक्षियों की मौत एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस एच 5 एन 8 से हुई है, जोकि कम खतरनाक है। इस वायरस के संक्रमण में आने से पक्षियों की मौत होती है, इंसानों के लिए यह खतरनाक नहीं है। इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि चिड़ियाघर में जिन पक्षियों की मौत हुई थी, उनके सैंपल जांच के लिए पहले जालंधर भेजे गए थे। वहां से रिपोर्ट आने के बाद उक्त सैंपल को भोपाल भेजा गया था। अब जांच के लिए सैंपल सीधे भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनीमल डिजीज लैब में भेजा जाएगा। शुक्रवार को सचिवालय में बुलाई गई बैठक में केंद्र सरकार के कृषि विभाग के अधिकारी, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, भोपाल और बरेली सेंट्रल लैब के अधिकारी भी शामिल हुए।
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बर्ड फ्लू के लक्षण और रोकथाम के उपाय
बर्ड फ्लू प्रवासी पक्षियों के जरिए फैलता है और इसके लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ होती है। सर्दी के साथ सीने में दर्द की शिकायत, कमजोरी और सुस्ती महसूस होती है। बर्ड फ्लू से रोकथाम के लिए पालतू पक्षियों से दूरी बनाएं। कच्चे और अधपके अंडे खाने से बचें, चिकन को कुकर में उबाल कर बनाएं। अपने आसपास साफ का ख्याल रखें और ऐसे कोई लक्षण मिले तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। संक्रमण का पता चलते ही प्रशासन अति संवेदनशील क्षेत्रों में इसके एंटी- वायरल (टैमीफ्लू) का वितरण करता है। सभी को पर्सनल प्रोटेक्शन किट दिए जाते हैं। इसका कोई टीका नहीं है।
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