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योग से भागे रोग

विश्व योग दिवस के अवसर पर पेश है योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के साथ संयुक्त रूप से हुई बातचीत के प्रमुख अंश...

By Babita kashyapEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2016 02:16 PM (IST)
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एलोपैथी की लोकप्रियता और प्रचलन के मध्य योग के महत्व को स्थापित करने में आप कैसे सफल रहे?

दरअसल, हमसे पहले योग को लेकर कोई स्पष्ट वैज्ञानिक अवधारणा का विकास नहीं किया गया। हमने चिकित्सा विज्ञान के आधार पर योग और आयुर्वेद को वैज्ञानिक कसौटी पर परखा। ये दोनों ही वैज्ञानिक कसौटी पर खरे उतरे। इन दोनों के लाभों से आम जनता को परिचित कराया। जब विभिन्न रोगों से ग्रस्त लोगों को फायदा मिला, तब उन्होंने स्वयं इसका प्रचार करना शुरू कर दिया। इस तरह कारवां बढ़ा, तो योग व आयुर्वेद का परचम विश्व में लहराने लगा। एक और महत्वपूर्ण बात, हमने योग के विस्तार को लेकर किसी पद्धति या संस्था का विरोध नहीं किया। यह अलग बात है कि कई संस्थाओं और पद्धतियों से जुड़े लोगों ने हमारा विरोध किया। खैर, इससे हमें मजबूती मिली और हमारी राह आसान होतीचली गई।

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योग को व्यक्तिगत प्रक्रिया से सामूहिक बनाने के लिए आपने क्या प्रयास किए?

बाजार के गणित ने योग को खास लोगों तक सीमित रखा। आम जनता के समक्ष योग को कठिन अभ्यास के तौर पर पेश किया जाता था। हम इसे सहज और सरल रूप में लेकर आए। लोगों ने इसे आजमाया, तो उन्हें लाभ नजर आने लगा। ये वह वर्ग था, जो रोगों के निदान और इलाज के लिए विभिन्न पद्धतियों का आश्रय लेकर समय, पैसा और स्वास्थ्य सभी कुछ खो रहा था। इसके बाद तो बड़े-छोटे सभी ने मिलकर योग को व्यक्तिगत प्रक्रिया से निकाल इसे सामूहिक स्वरूप प्रदान कर किया।

योग किन-किन बीमारियों को दूर करने में कारगर साबित हो रहा है?

लगभग सभी तरह की बीमारियों में योग के कारगर परिणाम सामने आए हैं। प्राणायाम सभी तरह के रोगों से बचाव में सहायक है। इसी तरह सूर्य नमस्कार भी आपको स्वस्थ रखता है। रोग विशेष के लिए भी अलग-अलग आसन हैं। कंप्यूटर और स्मार्ट फोन गैजेट्स पर लंबे समय तक काम करने वाली नयी पीढ़ी को

तनाव, सर्वाइकल स्पॉन्डिन्लोसिस और आंखों में परेशानी जैसी दिक्कतें होती हैं।

इनसे बचने के लिए योग में किस तरह के आसन हैं?

कंप्यूटर और स्मार्ट फोन गैजेट्स के कारण होने वाले तनाव, सर्वाइकल स्पांडिन्लोसिस से बचने के लिए प्राणायाम, सूर्य नमस्कार बेहद कारगर उपाय हैं। अगर दोनों को नियमित तौर पर किया जाए तो स्वास्थ्य उत्तम रहेगा और यदि कोई समस्या है, तो उससे निजात मिल जाएगी।

कुछ विशिष्ट सहज-सरल योगासनों के बारे में जानकारियां देने का कष्ट करें, ताकि जनता स्वस्थ रह सके?

प्राणायााम और सूर्य नमस्कार को यदि हम नियमित करें और इसके साथ ही ध्यान भी लगाएं, तो हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं।

संक्रामक रोगों और कैंसर सरीखी गंभीर बीमारियों में क्या योगासन और प्राणायाम करना वर्जित है? इन रोगों के इलाज में योग की क्या भूमिका है?

बाजारवाद के चलते इस तरह का भ्रम फैलाया गया और फैलाया जा रहा है। कैंसर सहित सभी तरह के रोगों के लिए योग रामबाण औषधि के रूप में काम करता है। हां, इतना अवश्य है कि रोग की दशा में किसी विशेषज्ञ के निर्देशन में संयमित तरीके से योग करने पर लाभ मिलेगा, इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता।

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मनोरोगों, तनाव और डिप्रेशन आदि को दूर करने में योग की भूमिका क्या है?

मनोरोग और तनाव दूर करने के लिए योग ही एकमात्र सफल साधन है। अन्य किसी भी पद्धति में इसके इलाज की कारगर व्यवस्था या दवा नहीं है, जबकि योग में किसी दवा के बगैर आसानी से इन रोगों के प्रभाव को खत्म या कम किया जा सकता है। तनाव से मुक्ति सिर्फ और सिर्फ योग और ध्यान से ही संभव है।

प्रस्तुति: हरिद्वार से अनूप कुमार सिंह

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