स्वाइन फ्लू की दस्तक से चंबा में अलर्ट, जानें क्या है लक्षण और बचाव के तरीके
Swine Flu Alert स्वाइन फ्लू को लेकर चंबा में अलर्ट जारी कर दिया गया है जिसे लेकर आइसोलेशन वार्ड स्थापित कर दिया गया है।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 09:17 AM (IST)
चंबा, जेएनएन। कांगडा जिला के पठियार में पेश आए स्वाइन फ्लू के मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग ने चंबा जिला में भी अलर्ट जारी कर दिया है। इस बीमारी में दी जाने वाली दवाओं की खरीद के साथ-साथ सिविल अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी स्थापित कर दिए गए हैं। स्वाइन फ्लू को लेकर सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मुकम्मल व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। दवा भी पर्याप्त मात्रा में रखवा दी गई हैं।
वहीं, पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चंबा की ओपीडी में संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग शुरु कर दी गई है। साथ ही बीमारी से बचाव को लेकर हिदायत दी जा रही है। बच्चों के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड भी तैयार कर दिया है।क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू , इनफ्लुएंजा (फ्लू वायरस) के अपेक्षाकृत नए स्ट्रेन इनफ्लुएंजा वायरस से होने वाला संक्रमण है। इस वायरस को ही एच-1, एन-1 कहा जाता है। इसके संक्रमण ने वर्ष 2009-10 में महामारी का रूप धारण कर लिया था। बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 10 अगस्त, 2010 में इस महामारी के खत्म होने का भी ऐलान कर दिया था। अप्रैल 2009 में इसे सबसे पहले मैक्सिको में पहचाना गया था। तब इसे स्वाइन फ्लू इसलिए कहा गया था, क्योंकि सूअर में फ्लू फैलाने वाले इनफ्लुएंजा वायरस से यह मिलता-जुलता था। स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार यह मरीज के आसपास रहने वाले लोगों और तीमारदारों को भी अपनी चपेट में ले लेता है।
ऐसे करें बचाव
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। हालांकि अब इसका उपचार भी मौजूद है।
- आराम, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना।
- शुरुआत में पैरासीटामाल जैसी दवा बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं।
- बीमारी के बढ़ने पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी
- दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है।
- नाक का लगातार बहना, छींक आना
- कफ, कोल्ड और लगातार खांसी
- मांसपेशियों में दर्द या अकड़न
- सिर में भयानक दर्द, नींद न आना, ज्यादा थकान,
- दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना, गले में खराश का लगातार बढ़ना।