मणिमहेश के लिए छड़ी यात्रा रवाना
जिला मुख्यालय से मणिमहेश के लिए दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी मंगलवार को रवाना हो गई। ये छड़ी छह दिन में पैदल चंबा मणिमहेश झील के बीच की दूरी को तय करेगी। राधाष्टमी पर इस छड़ी को मणिमहेश डल झील में डुबोया जाएगा।
By Rajesh SharmaEdited By: Updated: Wed, 23 Aug 2017 11:20 AM (IST)
जेएनएन, चंबा।
जिला मुख्यालय से मणिमहेश के लिए दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी मंगलवार को रवाना हो गई। ये छड़ी छह दिन में पैदल चंबा मणिमहेश झील के बीच की दूरी को तय करेगी। राधाष्टमी पर इस छड़ी को मणिमहेश डल झील में डुबोया जाएगा, इसके बाद मणिमहेश यात्रा संपन्न हो जाएगी।
मंगलवार दोपहर बाद चंबा शहर के रामगढ़ मोहल्ले में मौजूद दशनाम अखाड़ा जाकर उपायुक्त चंबा सुदेश मोख्टा ने वहां मौजूद भगवान दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना करने के पश्चात इस छड़ी को मणिमहेश के लिए रवाना किया। छड़ी यात्रा की अगुवाई दशनाम अखाड़ा के मंहत यङ्क्षतद्र गिरी ने की।
होमगार्ड के बैंड की अगुवाई में अपने पहले पड़ाव जुलाहकड़ी के लिए निकली। जब छड़ी श्रीराधाकृष्ण मंदिर में पहुंची तो यहां भारी संख्या में मौजूद लोगों ने इसका पूरी गर्मजोशी से स्वागत किया। यह छड़ी मंगलवार रात को यहां रुकने के पश्चात अपने अगले पड़ाव के लिए निकल जाएगी।
मंगलवार को देश के विभिन्न भागों से आए साधुओं ने इस मौके पर अपने इष्ट देव भगवान शिव के जयकारों के साथ इस छड़ी यात्रा में भाग लेते हुए इसकी शोभा बढ़ाई। दशनाम अखाड़ा के महंत यतेंद्र गिरी ने बताया कि रियासत काल से इस धार्मिक परंपरा का निर्वहन दशनाम अखाड़ा चंबा करता आ रहा है।
इस छड़ी को भगवान शंकर का अंश माना जाता है। विदित रहे कि इस छड़ी यात्रा का उसी तरह धार्मिक महत्व है, जिस प्रकार से अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रीनगर से निकलने वाली दशनाम छड़ी यात्रा का होता है। इस मौके पर तहसीलदार चंबा अमन राणा, जिला भाषा अधिकारी, एसडीएम चंबा राहुल चौहान सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
छड़ी यात्रा के ये हैं पड़ाव :
दशनाम छडी यात्रा छड़ी 23 अगस्त को राख, 24 को दुर्गठी, 25 को भरमौर, 26 को हड़सर, 27 को धनछो और 28 को मणिमहेश झील पर पहुंचेगी। राधाष्टमी का पवित्र स्नान 29 अगस्त को होगा।
जिला मुख्यालय से मणिमहेश के लिए दशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी मंगलवार को रवाना हो गई। ये छड़ी छह दिन में पैदल चंबा मणिमहेश झील के बीच की दूरी को तय करेगी। राधाष्टमी पर इस छड़ी को मणिमहेश डल झील में डुबोया जाएगा, इसके बाद मणिमहेश यात्रा संपन्न हो जाएगी।
मंगलवार दोपहर बाद चंबा शहर के रामगढ़ मोहल्ले में मौजूद दशनाम अखाड़ा जाकर उपायुक्त चंबा सुदेश मोख्टा ने वहां मौजूद भगवान दत्तात्रेय की पूजा-अर्चना करने के पश्चात इस छड़ी को मणिमहेश के लिए रवाना किया। छड़ी यात्रा की अगुवाई दशनाम अखाड़ा के मंहत यङ्क्षतद्र गिरी ने की।
होमगार्ड के बैंड की अगुवाई में अपने पहले पड़ाव जुलाहकड़ी के लिए निकली। जब छड़ी श्रीराधाकृष्ण मंदिर में पहुंची तो यहां भारी संख्या में मौजूद लोगों ने इसका पूरी गर्मजोशी से स्वागत किया। यह छड़ी मंगलवार रात को यहां रुकने के पश्चात अपने अगले पड़ाव के लिए निकल जाएगी।
मंगलवार को देश के विभिन्न भागों से आए साधुओं ने इस मौके पर अपने इष्ट देव भगवान शिव के जयकारों के साथ इस छड़ी यात्रा में भाग लेते हुए इसकी शोभा बढ़ाई। दशनाम अखाड़ा के महंत यतेंद्र गिरी ने बताया कि रियासत काल से इस धार्मिक परंपरा का निर्वहन दशनाम अखाड़ा चंबा करता आ रहा है।
इस छड़ी को भगवान शंकर का अंश माना जाता है। विदित रहे कि इस छड़ी यात्रा का उसी तरह धार्मिक महत्व है, जिस प्रकार से अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रीनगर से निकलने वाली दशनाम छड़ी यात्रा का होता है। इस मौके पर तहसीलदार चंबा अमन राणा, जिला भाषा अधिकारी, एसडीएम चंबा राहुल चौहान सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
छड़ी यात्रा के ये हैं पड़ाव :
दशनाम छडी यात्रा छड़ी 23 अगस्त को राख, 24 को दुर्गठी, 25 को भरमौर, 26 को हड़सर, 27 को धनछो और 28 को मणिमहेश झील पर पहुंचेगी। राधाष्टमी का पवित्र स्नान 29 अगस्त को होगा।
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