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परिवार नियोजन में महिलाएं आगे

शिवालिक नरयाल, भवारना भले ही पुरुष प्रधान समाज में आज नारी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हो लेकिन एक

By Edited By: Updated: Mon, 04 Apr 2016 01:01 AM (IST)

शिवालिक नरयाल, भवारना

भले ही पुरुष प्रधान समाज में आज नारी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हो लेकिन एक क्षेत्र ऐसा भी है, जिसमें महिलाओं के आगे पुरुष फिसड्डी साबित हुए हैं। नारी शक्ति ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह पुरुषों से कम नहीं है। फिर वह चाहे परिवार नियोजन के लिए लगने वाले शिविर में होने वाले ऑपरेशन ही क्यों न हों। भवारना चिकित्सा खंड के वर्ष 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक पूरे ब्लॉक में परिवार नियोजन के कुल 16 शिविर लगाए गए। इसमें महिला नलबंदी के 208 ऑपरेशन किए गए, जबकि पुरुष नसबंदी के महज तीन ही ऑपरेशन किए गए।

सरकार की योजना के तहत परिवार नियोजन शिविरों में महिला नलबंदी पर उसे प्रोत्साहन के रूप में 600 रुपये की राशि दी जाती है। पुरुष नसबंदी पर यह राशि 1100 है। इंदिरा बालिका सुरक्षा योजना के तहत जो भी दंपति दोनों में से कोई भी दो बेटियों के बाद ऑपरेशन करवाता है तो सरकार दोनों बेटियों के नाम से बीस-बीस हजार की एफडी करती है। एक बेटी के बाद ऑपरेशन करने पर यह राशि 25 हजार मिलती है। वर्ष 2015-16 में दो बेटियों के बाद तीन महिलाओं ने ही ऑपरेशन करवाया है।

यदि पिछले आंकड़ों में वर्ष 2014-15 की बात करें तो जनवरी तक कुल आठ शिविरों में 170 ऑपरेशन हुए। इनमें दो पुरुषों ने ही नसबंदी करवाई। पांच महिलाओं ने दो बेटियों के बाद ऑपरेशन करवाए हैं। खंड चिकित्सा कार्यालय भवारना के अधीन दो स्वास्थ्य केंद्रों भवारना व धीरा के स्वास्थ्य केंद्र में इन परिवार नियोजन शिविरों का आयोजन किया जाता है।

परिवार नियोजन में पुरुष नहीं आते आगे

अकसर परिवार नियोजन के लिए लगने वाले शिविरों में पुरुष झिझक के चलते ऑपरेशन करवाने के लिए आगे नहीं आते। नाम न छापने की शर्त पर पुरुष बताते हैं कि नसबंदी ऑपरेशन करवाने को वह शान के खिलाफ समझते हैं। कुछेक अपनी शर्म और कुछ नसबंदी के ऑपरेशन की सही जानकारी के अभाव में भी यह ऑपरेशन नहीं करवाते। यही वजह है कि यह आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों से चार या पांच से आगे नहीं बढ़ पाया।

सब-सेंटरों के माध्यम से ऐसे लोगों का सर्वेक्षण कर लोगों को शिविरों के माध्यम से परिवार नियोजन के लिए प्रेरित व जागरूक किया जाता है कि दो बच्चों में कितना अंतर होना चाहिए और कब ऑपरेशन करना चाहिए। कुछ दंपति स्वयं भी परिवार नियोजन के ऑपरेशन करवाने के लिए आते हैं।

-डॉ. मीनाक्षी गुप्ता, खंड चिकित्सा अधिकारी, भवारना।

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