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जान जोखिम में डाल लेह मार्ग पर सफर जारी

संवाद सहयोगी, मनाली : 16 हजार फुट से अधिक ऊंचे तंगलंगला दर्रे को पार कर घर पहुंच रहे लेह निवासियों प

By Edited By: Updated: Thu, 03 Nov 2016 01:00 AM (IST)
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संवाद सहयोगी, मनाली : 16 हजार फुट से अधिक ऊंचे तंगलंगला दर्रे को पार कर घर पहुंच रहे लेह निवासियों पर कभी भी मौसम की विपरीत परिस्थितियां भारी पड़ सकती हैं। समय अवधि को देखते हुए लेह प्रशासन सहित लाहुल प्रशासन ने सरचू से अपनी चौकियों को हटा लिया है। पर्यटन कारोबारियों ने भी सर्दियों के दस्तक देते ही अक्टूबर में ही अपना कारोबार समेट लिया है। मनाली-लेह मार्ग पर जोखिम इसलिए भी बढ़ गया है कि अगर अचानक बर्फबारी होती है तो लाहुल के दारचा-पटसेऊ से लेकर लेह के तांगलंगला दर्रे तक सैकड़ों किलोमीटर का सफर भगवान भरोसे ही पार करना पड़ेगा। इससे पहले भी मौसम मनाली-लेह मार्ग के राहगीरों पर भारी पड़ चुका है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है, लेकिन कई लोग जान जोखिम में डालकर अपने वाहनों में लेह मार्ग पर सफर कर रहे हैं। दूसरी ओर मौसम विभाग ने चार नवंबर तक मौसम के शुष्क रहने की बात कही है, लेकिन कहीं अचानक बर्फबारी होती है तो यह राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

मनाली की ओर से बीआरओ की दीपक परियोजना ने बारालाचा दर्रे के आसपास काम शुरू कर रखा है, लेकिन तापमान गिरने से लेह की ओर बीआरओ की हिमांक परियोजना ने पांग से आगे सभी अपने काम बंद कर दिए हैं। प्रशासन की ओर से अधिकारिक तौर पर लेह मार्ग 15 अक्टूबर से बंद कर दिया गया है। लेकिन कुल्लू दशहरा देखने पहुंचे लेह के लोगों का अभी भी इसी रास्ते से घरों के लिए आना-जाना लगा हुआ है। लेह की जांस्कर घाटी के लोग दारचा से वाया ¨शकुला होते हुए घरों का रुख कर रहे हैं। दूसरी ओर रोहतांग जा रहे सैलानी भी मौसम की विपरीत परिस्थितियों का शिकार हो सकते हैं।

उपायुक्त लाहुल-स्पीति विवेक भाटिया ने लेह की ओर जाने वाले ग्रामीणों से आग्रह किया है कि वे जान को जोखिम में न डालें। मजबूरी में घरों का रुख करने वाले लोग मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही रुख करें। एसडीएम मनाली ज्योति राणा ने कहा कि मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही पर्यटकों को मढ़ी से आगे भेजा जाएगा।

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