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सरकार..1341 स्कूलों में एक-एक अध्यापक

सीमा कश्यप, शिमला सरकार ने वादा किया था कि एक स्कूल में कम से कम दो शिक्षक होंगे। एक साल गुजर जाने

By Edited By: Updated: Mon, 22 Feb 2016 01:01 AM (IST)
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सीमा कश्यप, शिमला

सरकार ने वादा किया था कि एक स्कूल में कम से कम दो शिक्षक होंगे। एक साल गुजर जाने के बाद भी हालात सुधरने की बजाए बदतर हुए हैं। हिमाचल में ऐसे स्कूलों का आंकड़ा बीते वर्ष की तुलना में बढ़ गया है जिनमें मात्र एक-एक शिक्षक तैनात है। राज्य में ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़कर 1341 हो गई है। शिक्षकों के लिए तरस रहे ऐसे स्कूलों की सूची में 226 स्कूल जुड़ गए हैं।

डाईस (डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) की ताजा रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार अब भी बच्चों के भविष्य को लेकर गंभीर नहीं है। एक-एक शिक्षकों के सहारे चलने वाले स्कूलों का आंकड़ा बढ़ा है। हालांकि दनादन स्कूल खोलकर सरकार अपनी पीठ थपथपाते नहीं थक रही है। पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों का दारोमदार मात्र एक शिक्षक पर डाल दिया जाए तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में शिक्षा का स्तर कैसा होगा? सरकार ने स्कूलों की संख्या तो बढ़ा दी लेकिन गुणवत्ता अब भी कोसों दूर है।

पिछले साल 1115 स्कूलों में थे एक-एक शिक्षक

डाईस की पिछले वर्ष की रिपोर्ट के मुताबिक 943 प्राथमिक व 172 माध्यमिक पाठशालाएं ऐसी थीं जिनमें सिर्फ एक-एक शिक्षक थे। सबसे अधिक शिमला जिला में ऐसे स्कूल थे। इसके बाद मंडी, सिरमौर व कांगड़ा जिला का नाम था। किन्नौर के बाद बिलासपुर व हमीरपुर ऐसे जिले थे जिनमें बहुत कम स्कूलों में ऐसी अनियमितताएं थीं।

क्या कहता है नियम

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत शिक्षकों की तैनाती होना अनिवार्य है। इसके मुताबिक जिन प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या एक से 60 के बीच है, उनमें कम से कम दो शिक्षक होने चाहिएं। वहीं, 60 से 90 छात्रों की संख्या वाले स्कूलों में तीन शिक्षक तथा 90 से 120 व इससे अधिक छात्रों की संख्या जिन स्कूलों में है, वहां चार शिक्षक होने अनिवार्य हैं।

नहीं हुआ युक्तिकरण

शिक्षकों की संख्या बच्चों की जरूरत के अनुरूप हो, इसलिए स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण करने का निर्णय सरकार ने लिया था। कम बच्चे वाले स्कूलों जहां शिक्षकों की संख्या अधिक है, वहां से अतिरिक्त शिक्षकों का तबादला किया जाना था। हिमाचल में हमीरपुर व बिलासपुर जिला को छोड़ अन्य जगह ऐसी प्रक्रिया नहीं हुई है।

जिस स्कूल को जितने अध्यापकों की आवश्यकता है, उतने दिए जाएंगे। शिक्षकों की पदोन्नति व सेवानिवृत्ति से यह गैप आया है जिसे ठीक किया जाएगा।

- पीसी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा)

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