हिमाचल में 16 स्टेट हाईवे खत्म, ठेकों की राह खुली
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 16 राज्य राजमार्गों (स्टेट हाईवे) का कद कम कर इन्हें मुख्य जिला मार्ग बना दिया गया है। यह कदम सरकार ने शराब के ठेकों को बचाने के लिए उठाया है।
By Munish DixitEdited By: Updated: Thu, 06 Apr 2017 02:13 PM (IST)
शिमला [रविंद्र शर्मा]: राजमार्गों पर शराब ठेके बंद करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद राजस्व में कमी को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने 16 राज्य राजमार्गों (स्टेट हाईवे) का कद कम कर इन्हें मुख्य जिला मार्ग बना दिया गया है। अधिसूचना बुधवार को जारी कर दी गई है। इन राज्य राजमार्गों को एमडीआर यानी मेजर डिस्टिक्ट रोड के नाम से जाना जाएगा और ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दायरे से खुद व खुद बाहर हो जाएंगे। हालांकि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से सौ के करीब शराब के ठेकों को ही राहत मिलेगी। इधर, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा कहते हैं कि छह अप्रैल यानी वीरवार को ही शराब ठेकों की नीलामी का अंतिम दिन है, कल तक जिन्हें आवेदन करना है करें, वरना बचे हुए ठेके सरकार की वीब्रेज कॉरपोरशन को दे दिए जाएंगे।
आबकारी एवं कराधान विभाग की मानें तो इससे शराब के ठेकों को राहत के साथ जो राजस्व हाथ से जा रहा था उससे कुछ हद तक बचा जा सकेगा। राजमार्गों का दर्जा घटाने के लिए कुछ दिनों पहले ही लोक निर्माण और आबकारी एवं कराधान विभाग के उच्च अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई थी। बार और शराब के ठेके बंद होने की सूचना मिलने के बाद संचालक आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी से मिले थे।एनएच का खर्च खुद उठाती है प्रदेश सरकार
'प्रदेश के सोलह राज्य राजमार्गों की मरम्मत का खर्च सरकार खुद उठाती है इसके लिए केंद्र से अलग से बजट नहीं आता है, इसलिए इन राज्य राजमार्गों को डी नोटिफाई कर दिया गया है। अब इनका नाम मेजर डिस्टिक रोड रखा गया है।’ -नरेंद्र चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग।करोड़ों का राजस्व आएगा सरकार के खाते
‘प्रदेश सरकार द्वारा राजमार्गों को मेजर डिस्टिक्ट रोड बनाए जाने से आबकारी एवं कराधान विभाग को कुछ राहत जरूर मिली है। इससे करोड़ों रुपये का राजस्व प्रदेश सरकार के खाते में जाएगा। सरकार न आबकारी नीति बदलेगी और न लाइसेंस फीस के साथ कोई छेड़छाड़ होगी। इस बार कुल्लू, लाहुल-स्पीति और सोलन के ठेके 20 प्रतिशत ऊंचे बिके हैं।’-ओंकार शर्मा, सचिव आबकारी एवं कराधान विभाग।सौ ठेकों को मिला जीवनदान इन राज्य राजमार्गो पर सौ के करीब शराब के ठेके हैं, इनके बंद होने से करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। राजमार्ग पर स्थित शराब के ठेकों से प्रदेश सरकार को औसतन तीन सौ करोड़ का राजस्व आ रहा था। -रोहित चौहान, संयुक्त आयुक्त आबकारी एवं कराधान विभाग।यह भी पढ़ें: डीए केसः वीरभद्र के खिलाफ आरोपपत्र पर अदालत आज करेगी विचारहिमाचल प्रदेश की अन्य खबरों के लिए यहां क्िलक करें:
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