Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

कुफरी के घोड़ों की लीद से बनेगी गैस

पर्यटन स्थल कुफरी में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से गैस प्लांट को पीपीपी यानी सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत लगाया जाना है।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Tue, 13 Jun 2017 09:15 AM (IST)
Hero Image
कुफरी के घोड़ों की लीद से बनेगी गैस

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा, घोड़ों की लीद अब व्यर्थ नहीं जाएगी। पर्यावरण स्वच्छता के साथ ये कमाई का जरिया बनेगी। देश में पहला प्लांट हिमाचल के कुफरी में स्थापित किया जाएगा, जिसमें घोड़े की लीद से गैस तैयार की जाएगी। यह गैस होटलों को खाना पकाने के लिए बेची जाएगी। पर्यटन स्थल कुफरी में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से गैस प्लांट को पीपीपी यानी सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत लगाया जाना है। वन विभाग ने इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जल्द निविदाओं को आमंत्रित किया जा रहा है।

विश्व मानचित्र पर पर्यटन के लिए अहम स्थान रखने वाले कुफरी में वन विभाग अब आने वाले पर्यटकों को बेहतर पर्यावरण प्रदान करेगा। पर्यटक यहां पर स्वच्छ वातावरण का भी लुत्फ उठा सकेंगे। चारों तरफ अब घोड़ों की लीद बिखरी हुई नहीं मिलेगी। प्रदेश उच्च न्यायालय ने कुफरी में घोड़ों की लीद से फैल रही गंदगी को दूर करने के लिए निर्देश दिए हैं।

आखिर क्या है योजना घोड़ों की लीद से तैयार होने वाली गैस को दो तरीके से बेचा जाएगा। पीपीपी मोड के तहत स्थापित होने वाले प्लांट में गैस को सप्लाई करने के लिए होटलों को पाइप लाइन बिछाई जाएगी। जबकि दूसरे तरीके में सिलेंडर में भरे जाने की योजना है और इन सिलेंडरों को फिर होटलों को सप्लाई किया जाएगा। कुफरी में एक हजार घोड़े करवा रहे सैरकुफरी में 1000 घोड़े पर्यटकों को ढाई किलोमीटर की सैर पांच सौ रुपये प्रति घोड़े के हिसाब से करवाते हैं। इनके लिए सुबह साढ़े आठ से शाम छह बजे तक का ही समय निर्धारित किया गया है। हर दिन 10 से 15 हजार पर्यटक कुफरी पहुंचते हैं और इन्हें घोड़ों पर चीनी बंगला से महासुपीक तक सैर का आनंद मिलता है। इसके अलावा पर्यटन स्थल नालदेहरा में भी 38 घोड़े हैं।

घोड़ों के लिए निर्धारित नियम: 

-एक व्यक्ति के नाम केवल दो घोड़ों का पंजीकरण।

- बिना टोकन के घोड़े पर 500 रुपये जुर्माना।

- निर्धारित स्थान पर न बांधने पर दो हजार रुपये जुर्माना।

- घोड़े की लीद यहां-वहां फेंकने पर 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान। अभी तक घोड़ों की लीद का नहीं था कोई उपयोग

घोड़ों की लीद अभी तक ऐसे ही फेंकी जा रही है। इसका कोई भी उपयोग जैसे खेत में खाद के तौर पर भी नहीं किया जा सकता है। घोड़ों की लीद को उठाने के लिए प्लांट लगने के बाद विशेष प्रक्रिया अपनाई जाएगी और प्लांट तक लीद को पहुंचाया जाएगा। कुफरी में घोड़ों की लीद से गैस तैयार की जाएगी और इसकी आपूर्ति होटलों को की जाएगी। जल्द ही इसके लिए प्लांट स्थापित किया जा रहा है। इससे पर्यावरण की स्वच्छता के साथ गैस भी तैयार होगी। इसे लगाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

- तरुण कपूर, अतिरिक्त मुख्य सचिव।

यह भी पढ़ें:  हिमाचल व जेएंडके के लोग फिर आमने-सामने