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कुसुम सदरेट भूल गई फ्लाईओवर बनाने का वादा

राज्य ब्यूरो, शिमला : भाजपा ने नगर निगम की सत्ता तक पहुंचने के लिए शहरवासियों से वादा किया थ्

By JagranEdited By: Updated: Tue, 26 Sep 2017 03:00 AM (IST)
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कुसुम सदरेट भूल गई फ्लाईओवर बनाने का वादा

राज्य ब्यूरो, शिमला : भाजपा ने नगर निगम की सत्ता तक पहुंचने के लिए शहरवासियों से वादा किया था कि शिमला को फ्लाईओवर का शहर बनाया जाएगा। बिना किसी ट्रैफिक जाम के वाहन दौड़ते नजर आएंगे। नगर निगम में भाजपा 100 दिन पूरे कर चुकी है। इसके बावजूद तंगहाल सड़कों पर घंटों लगने वाले टै्रफिक जाम से छुटकारा दिलाने के लिए भाजपा के पास कोई ठोस योजना नहीं है। फिलहाल भाजपा शहर का कूड़ा उठाने की व्यवस्था करने और पेयजल उपलब्ध करवाने तक सीमित होकर रह गई है।

कांग्रेस की ढाई दशक की सत्ता व वामपंथियों को चुनौती देकर पहली बार निगम पर काबिज हुई भाजपा द्वारा किए गए वादे उसे आईना दिखा रहे हैं। निगम प्रशासन ने शिमला को स्मार्ट सिटी के तहत शामिल करने का जो प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, उसमें शहर में ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव में कहीं भी फ्लाईओवर बनाने का जिक्र नहीं किया गया। नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट यह भूल गई कि फ्लाईओवर बनाने का भी वादा किया गया था। ओवरब्रिज को ही फ्लाईओवर समझा जा रहा है। शहर की सड़कों को चौड़ा करने और स्थायी हो चुकी ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान निकालने के लिए केंद्रीय भू-तल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को प्रस्ताव तैयार कर भेजने की बात कही थी। इस समय शहर के अधिकांश हिस्सों में एक घंटे से अधिक का जाम लगता है। पर्यटन सीजन के दौरान जाम से शहर बेहाल हो जाता है। रोजाना 25 हजार वाहन शहर की सड़कों पर चलते हैं। पर्यटन सीजन के दौरान रोजाना 10 हजार वाहन अधिक हो जाते हैं। यदि शहर में फ्लाईओवर विकसित किए जाते हैं तो ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा शिमला शहर पर्यटन की दृष्टि से सिंगापुर व यूरोप के शहरों की तरह नजर आएगा।

दुल्लर रिपोर्ट में भी फ्लाईओवर ही विकल्प

शिमला जिला के एसपी रहे अभिषेक दुल्लर ने रिपोर्ट तैयार की थी कि शहर की सड़कें मौजूदा वाहनों की संख्या के लिए पर्याप्त नहीं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 25 हजार वाहन शहर की सड़कों पर रोजाना दौड़ते हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या दस हजार से अधिक रहती है। आमतौर पर शिमला शहर में चौबीस घंटे के दौरान करीब दो घंटे तक लोगों को ट्रैफिक समस्या से जूझना पड़ता है। सड़कों के किनारे शहर के हर कोने में 20 हजार वाहन पार्क होते हैं। ऐसे में मौजूदा सड़कों को चौड़ा करना संभव नहीं है। केवल फ्लाईओवर ही एकमात्र विकल्प है।

दो दिन में बनेगा शहर के लिए अलग प्रस्ताव

ऐसा कोई प्रस्ताव निगम की ओर से नहीं भेजा गया है। न ही फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव बनाया गया है। मैं यह विश्वास दिलाती हूं कि दो दिनों के भीतर शहर के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। अभी तक हम कूड़ा प्रबंधन को लेकर उलझे हुए थे। इसके साथ-साथ पेयजल का समाधान भी कर दिया गया है।

- कुसुम सदरेट, महापौर, नगर निगम शिमला।

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