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हिमाचल व जेएंडके के लोग फिर आमने-सामने

लेह बाइकर्स एसोसिएशन ने कुल्लू-मनाली की बाइक को अपने क्षेत्र में न चलने देने का आदेश जारी किया है।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Wed, 14 Jun 2017 09:11 AM (IST)
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हिमाचल व जेएंडके के लोग फिर आमने-सामने

मनाली, संवाद सहयोगी। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के बीच सरचू व शिंकुला दर्रे का सीमा विवाद अभी सुलझा भी नहीं है कि अब लेह लद्दाख में दोनों प्रदेशों के लोग आमने-सामने आ गए हैं। लेह लद्दाख में हिमाचल के पर्यटन व्यवसायियों की बाइकों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। ऐसा तीन-चार दिन से हो रहा है। इसका असर हिमाचल के पर्यटन कारोबार पर भी पड़ रहा है।लेह बाइकर्स एसोसिएशन ने कुल्लू-मनाली की बाइक को अपने क्षेत्र में न चलने देने का आदेश जारी किया है। इससे कुल्लू-मनाली के बाइकर्स में हड़कंप मच गया है। 

हिमाचल में 1500 बाइक पंजीकृत हैं, जिनमें 1000 कुल्लू-मनाली में हैं। इनका अधिकतर कारोबार मनाली-लेह मार्ग पर ही होता है। प्रदेश सरकार ने रेंट ए बाइक योजना के तहत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का प्रावधान किया है, लेकिन लेह के लोग इसमें सहयोग नहीं कर रहे हैं। कुल्लू-मनाली बाइकर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष केशव ठाकुर ने प्रदेश सरकार ने मामले को जल्द सुलझाने की मांग की है।हिमाचल सरकार पर्यटन स्थल सरचू को विकसित कर रही है, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर के लोग भी यहां अपना हक जताने लगे हैं। बीआरओ द्वारा शिंकुला दर्रे को सड़क से जोड़ते ही जम्मू-कश्मीर के जांस्कर घाटी के लोग हरकत में आ गए हैं। उधर, पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया व कहा कि इस मुद्दे को केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा से उठाया गया है। उन्होंने शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया है।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के सीमा विवाद को प्रदेश सरकार के ध्यान में लाकर शीघ्र हल करवाने का आग्रह किया है। लेह लद्दाख और कुल्लू-मनाली के बाइकर्स आपसी तालमेल बिठाकर पर्यटन को बढ़ावा दें। युवाओं की इस समस्या को प्रदेश सरकार के ध्यान में लाया जाएगा।

-रवि ठाकुर, विधायक लाहुल स्पीति।

सरचू व शिंकुला दर्रा सीमा विवाद हिमाचल सरकार ने पिछले साल सरचू में शराब का ठेका खोला था। इसे जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया था और ठेके वाले क्षेत्र को जम्मू-कश्मीर में बताया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों ने उस क्षेत्र में टेंट लगा दिए थे। वहीं बीआरओ ने जैसे ही शिंकुला दर्रे तक सड़क पहुंचाई उसके बाद जांस्कर के लोगों ने वहां अपने बैनर लगाकर उस क्षेत्र पर अपना हक जताया था।


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