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शहर में गाड़ियां तो बढ़ी पर नहीं बनी पार्किंग

जागरण संवाददाता, शिमला : दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर पहचान बनाने वाली व ब्रिटिश काल में ग्रीष्मक

By JagranEdited By: Updated: Thu, 02 Nov 2017 03:00 AM (IST)
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शहर में गाड़ियां तो बढ़ी पर नहीं बनी पार्किंग

जागरण संवाददाता, शिमला : दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर पहचान बनाने वाली व ब्रिटिश काल में ग्रीष्मकालीन राजधानी रही पहाड़ों की रानी शिमला में आज ट्रैफिक जाम गंभीर समस्या है। शिमला में एक दशक में वाहनों में तो कई गुणा इजाफा हुआ है, लेकिन वाहनों की आवाजाही और उनकी पार्किंग व्यवस्था के लिए प्रशासन ने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया है। इस वजह से शहर में जाम की स्थिति आम हो गई है।

यहां जनता को जाम से हर रोज सुबह और शाम जूझना पड़ता है। ट्रैफिक जाम के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल और कर्मचारियों को कार्यालय पहुंचने में दिक्कतें पेश आती हैं। ट्रैफिक से सबसे ज्यादा खतरा स्कूली बच्चों को होता है। ज्यादातर स्कूलों के बच्चे जब छुट्टी करते हैं तो सबसे पहले उनका सामना ट्रैफिक से होता है। शहर में यातायात व्यवस्था की इस बदहाली का कारण पार्किंग की कमी, नए मार्गो व फ्लाई ओवर का निर्माण न होना और सड़कों को चौड़ा करने के काम में प्रशासन का उदासीन रवैया है। हालांकि राजधानी शिमला के संजौली-लक्कड़ बाजार मार्ग पर प्रशासन ने डंगे लगाकर सड़क को चौड़ा किया, लेकिन अभी काम पूरा भी नहीं हुआ कि लोगों ने अवैध पार्किंग शुरू कर दी है।

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कागजों में ही बनी पार्किंग

नगर निगम और जिला प्रशासन ने कई बार शहर में नई पार्किंग बनाने के आश्वासन तो दिए, लेकिन वास्तविकता में 30 प्रतिशत ही पार्किंग का निर्माण हो सका। अन्य पार्किग निर्माण किसी न किसी कारण अधर में लटका हुआ है। कहीं पर फॉरेस्ट क्लीयरेंस तो कहीं पर पैसे की कमी आड़े आ रही है। पुलिस विभाग ने निगम और जिला प्रशासन को शहर में पार्किंग बनाने के लिए कई बार प्रस्ताव भी भेजे। निगम ने शहर के उपनगरों में कई बार पार्किंग बनाने की घोषणाएं भी की, लेकिन यह वादे सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गए। पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण सड़कों किनारे वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती है। आइजीएमसी जाने वाली सड़क पर भी हर समय वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती है। वाहनों की लंबी कतारें कार्ट रोड, प्रतिबंधित मार्गो और होटलों के बाहर भी लगी रहती है। कई बार जाम में उपचार के लिए आ रहे मरीज भी फंस जाते हैं।

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सड़क पार करें तो कैसे

शहर में यातायात इतना बढ़ चुका है कि सडक पार करना खतरे से खाली नहीं है। सड़क पार करने के लिए जेबर क्रॉसिंग भी नहीं हैं। जहां जेबरा क्रॉसिंग बनी थी उन स्थानों पर लाइन पूरी तरह से मिट चुकी है। इसके अलावा पार्किंग न होने का फायदा शहर के चोरों को मिल रहा है। लोगों को गाड़ियां सड़क किनारे खड़ी करनी पड़ती हैं। इस वजह से गाड़ियां भी चोरी होती हैं।

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