फिश एक्वेरियम के बारे में कभी आप भी तो ऐसा नहीं सोचते
घर में एक्वेरियम रखना वास्तु की दृष्टिï से शुभ माना जाता है लेकिन कैसे किया जाता है इसका रखरखाव क्या आप जानते हैं....
By Babita kashyapEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2016 01:18 PM (IST)
वास्तु की दृष्टिï से घर में फिश एक्वेरियम रखना बहुत शुभ माना जाता है। इससे न केवल घर के वास्तुदोष दूर होते हैं बल्कि ये देखने में भी बहुत सुंदर लगता है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इसे घर में रखना तो चाहते हैं लेकिन जब इसके बारे में लोगों से बातें सुनते हैं तो घबरा जाते हैं और उनके मन में सवाल उठते हैँ कि क्या वे इतनी केयर कर पाएंगे, अगर उनकी लापरवाही से मछलियां मर गयी तो और उसका परिणाम ये होता है कि एक्वेरियम रखने का ख्याल बदल देते हैं। आज हम आपको बता रहे है एक्वेरियम घर में रखने के कुछ खास
टिप्स-
फिश एक्वेरियम का पानी रोज नही बदलना चाहिये। इससे मछलियां मर सकती हैं। यदि आपके एक्वेरियम में फिल्टर सिस्टम नही है तो इसका पानी केवल 10-20 प्रतिशत पानी ही बदलना चाहिये। अगर आपके एक्वेरियम में फिल्टर लगा हुआ है तो आप एक्वेरियम का 30-35 प्रतिशत पानी एक माह के अंतराल पर बदल सकते हैं।पानी के बैक्टीरिया मछलियों को पानी में जि़ंदा रखने में मदद करते हैं, पानी को पूरी तरह बदलना मछलियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
पढ़ें: गमियों में घर रहेगा ठंडा-ठंडा, कूल-कूलअक्सर लोग कैटफिश रखते हैं उनका कहना होता है कि ये ये दूसरी मछलियों और उनकी त्यागी हुई गंदगी को खा जाती है। जबकि वास्तव में ऐसा करना किसी भी मछली के लिए अस्वास्थ्यकर हो सकता है। यदि टैंक में एल्गी जमती है तो उसे खरोंच कर अलग कर दें। कोई मछली अपने टैंक को साफ-सुथरा और स्वच्छ नहीं रख सकती। अत: एक कैटफि़श द्वारा अपने टैंक को साफ रखना लगभग नामुमकिन है। कभी भी छोटा टैंक न खरीदे। छोटे टैंक में मछलियों को रखना बहुत मुश्किल होता है इसमें रहने वाली मछलियों की मृत्युदर अधिक होती है। जबकि बड़े टैंक की सफाई करना आसान होता है और इसमें मछलियों को घूमने का भी पर्याप्त स्थान मिलता है। पढ़ें: स्मार्ट होम स्मार्ट मैनेजरमछलियों को सांस लेने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है। उनके द्वारा पानी में त्यागे गए अपशिष्ट उनको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिये नियमित अंतराल पर पानी बदलना ही उनके जीवन के लिये पर्याप्त विकल्प है।शॉप में बेचे जाने वाली मछलियाँ अंदर ही पैदा की जाती हैं। ये मछलियाँ प्राकृतिक वातावरण में जि़ंदा नहीं रह सकती, इन्हें झील या तालाब में डालना इनके जीवन के लिये और खतरनाक होगा। दरअसल ये ऐसे प्राकृतिक वातावरण में नहीं जी सकतीं क्योंकि यहां उन्हें अपने भोजन के लिए कूड़ा-करकट खाना पड़ेगा और अपने आपको सुरक्षित रखने के लिये दूसरे जीव जंतुओं और बड़ी मछलियों से बचाना पड़ेगा। पढ़ें: रहें कूल कूल