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जिंदगी को खुशहाल बनाना अब आपके हाथों में

घर का सही ढंग से संचालन करना ऑफिस के संचालन से कम महत्वपूर्ण नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ साधारण बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप हर दिन खुशगवार बना सकती हैं...

By Babita kashyapEdited By: Updated: Mon, 27 Jun 2016 02:53 PM (IST)
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यह तो आपने भी सुना होगा कि सुबह की शुरुआत अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा गुजरता है। अधिकांश गृहिणियां सुबह नाश्ता बनाने, पति के काम पर जाने की तैयारी करने और घरेलू कामों में इतना उलझ जाती हैं कि अंत में उन्हें समझ में ही नहीं आता कि क्या करें और क्या छोड़ दें। उलझा हुआ घर और बिखरा हुआ काम अंतत: गृहिणी को परेशान कर देता है।

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फालतू की वस्तुएं हटा दें

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि घर में एकत्र व्यर्थ की चीजें स्थान तो घेरती ही हैं, दिमाग में उलझन भी पैदा करती हैं। घर में पड़ी व्यर्थ की वस्तुएं, टूटी-फूटी वस्तुएं या फिर जिन वस्तुओं को आप इस्तेमाल में नहीं ला रही हैं, उन्हें घर से बाहर कर दें। असल में वस्तुओं की अव्यवस्था भी दिमाग को अव्यवस्थित कर सकती है। व्यर्थ की चीजों को केवल इसलिए एकत्र करना कि वे कभी काम आएंगी, तनाव को आमंत्रित करना है।

काम की सूची

घर के कार्यों को कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए किचन में या कमरे में एक प्लानर बहुत जरूरी है। राइटिंग पैड, छोटी सी डायरी या कोई रफ कापी भी आपके लिए बहुत काम की साबित होगी। रात को सोने से पहले अगली

सुबह के कामों को प्राथमिकता के हिसाब से लिख लें।

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सहायता मांग सकती हैं

घर में कई बार अधिकांश समस्याएं केवल इसलिए पैदा होती हैं कि गृहिणियां सारे कामों को अपने ऊपर ओढ़ लेती हैं। घर-गृहस्थी का संचालन घर के लोगों की साझा जिम्मेदारी है तो फिर परिवार के अन्य लोगों से सहायता

मांगने में संकोच कैसा। अपनी सूची में दर्ज कामों के लिए आप घर के लोगों की सहायता ले सकती हैं जिनके लिए आपको घर के बाहर निकलना पड़ता है या आपको अपने लिए समय ही नहीं मिल पाता है।

बाई की मदद

घरेलू काम अपने हाथ से करना बहुत अच्छी बात है, लेकिन कई बार यह संभव नहीं हो पाता। अकेली महिला सुबह नाश्ता बनाने, पति के काम पर जाने की तैयारी करने और घरेलू कामों में इतना उलझ जाती है कि घर की सफाई आखिरी वरीयता बन जाती है। अगर ऐसे में कोई मेहमान घर पर आ जाए तो अस्त-व्यस्त कपड़ों को बिस्तर के पीछे छुपाने के अलावा और कोई चारा नहीं रह जाता। इस उलझन से बचने के लिए बाई को रखा जा

सकता है। समय-समय पर बाई के सहयोग से पूरे घर की सफाई करवाएं। यह कार्य आप उसे कुछ अतिरिक्त पैसे देकर करवा सकती हैं।

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अवकाश जरूरी

सप्ताह में एक दिन सभी को अवकाश मिलता है। सप्ताह में एक दिन बाजार भी बंद रहता है तो फिर गृहिणी को साप्ताहिक अवकाश क्यों नहीं मिलना चाहिए! इस अवकाश के दिन हल्का-फुल्का नाश्ता बनाइए जिसमें पति-बच्चों से सहयोग लें। दोपहर में आराम से परिवार के साथ बैठकर टीवी देखिए या इंडोर गेम्स खेलिए। अगर संभव हो तो परिवार के साथ सिनेमा, थिएटर अथवा किसी परिजन या दोस्त से मिलने जा सकती हैं। पूरा परिवार एक साथ शाम को सैर पर निकल सकता है।

सहेलियों से संपर्क

आपकी जिंदगी में सहेलियों, दोस्तों या लोगों की संख्या जितनी अधिक होगी, आपकी जिंदगी उतनी ही सहज रहेगी और आप परेशानियों से दूर रहेंगी। कारण, जरूरत पडऩे पर कोई न कोई परिचित आपके काम जरूर आएगा। जिन लोगों से आपका परिचय है, उनसे संपर्क बनाए रखें। ऐसा न हो कि केवल किसी काम या मुसीबत के समय ही आप उन्हें याद करें। समय-समय पर मिलते-जुलते रहने से संबंध और मजबूत होते हैं।

सोच सकारात्मक रहे

यह तो आपको पता ही होगा कि आप जैसी सोच रखती हैं, वैसी ही आपकी जिंदगी भी गुजरती है। बार-बार कमियों का रोना रोने से नन्हीं सी खुशी भी घर के दरवाजे से लौट जाती है। सकारात्मक सोच रखने से आप अपने मस्तिष्क को व्यर्थ के विचारों से दूर रख सकती हैं। ईष्र्या, क्रोध, घृणा, लालच आदि ऐसे नकारात्मक विचार हैं, जो आपकी जिंदगी को असहज बना देते हैं। नकारात्मक विचारों को दूर करने के लिए जरूरी है कि आप हमेशा सकारात्मक विचारों को ही अपने मस्तिष्क में जगह दें। इससे आप मानसिक रूप से स्वयं को तनावमुक्त महसूस करती हैं।

रचनात्मक शौक जरूरी हैं

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि स्वस्थ व सक्रिय रहने के लिए किसी न किसी प्रकार के रचनात्मक शौक में मशगूल होना बहुत आवश्यक है। इससे आप व्यस्त रहने के साथ-साथ नए अनुभव भी सीखती हैं। अगर आपके पास समय है तो सामाजिक कार्र्यों में बढ़-चढ़कर भाग ले सकती हैं। इससे आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। बोरियत दूर करने में भी शौक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये कुछ भी हो सकते हैं मसलन कविताकहानी

लिखना, पेंटिंग करना, संगीत सुनना, कोई वाद्ययंत्र बजाना आदि-आदि। इनसे आपके समय का बेहतर उपयोग भी हो जाता है।

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इला शर्मा