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भारत-पाक नियंत्रण रेखा पर संयम बरतने के लिए राजी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : भारत-पाक सेना करीब सवा महीने तक भारी गोलाबारी के बाद नियंत्रण रेखा पर संयम बरत

By Edited By: Updated: Tue, 22 Sep 2015 01:04 AM (IST)
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राज्य ब्यूरो, जम्मू : भारत-पाक सेना करीब सवा महीने तक भारी गोलाबारी के बाद नियंत्रण रेखा पर संयम बरतने के लिए राजी हो गई है।

जम्मू संभाग के सीमांत पुंछ व राजौरी जिले में भारी गोलाबारी कर रहे पाकिस्तान ने विश्वास दिलाया कि नियंत्रण रेखा पर हालात सामान्य बनाने में सहयोग किया जाएगा। सोमवार दोपहर पुंछ जिले में पुंछ-रावलाकोट सड़क के क्रॉसिंग प्वाइंट चकना-द-बाग में हुई ब्रिगेड कमांडर स्तर की अहम फ्लैग मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया। फ्लैग मीटिंग का आग्रह भारतीय सेना की ओर से किया गया था, जिसे पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार कर लिया।

पाकिस्तान ने 15 अगस्त के बाद से पुंछ में भारी गोलाबारी कर बीएसएफ के एएसआइ समेत सात लोगों की जान ले ली है, जबकि करीब 40 लोग घायल हुए हैं। ऐसे में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की गोलाबारी में हुई मौतों के साथ सीमा पार से स्नाइफर राइफलों से भारतीय सैनिकों को निशाना बनाने का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया। एक घंटे की फ्लैग मीटिंग के दौरान पाकिस्तानी सेना के 120 एमएम के मोर्टार दागने पर भी आपत्ति जताई गई। पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने भी अपने मुद्दे उठाए।

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, फ्लैग मीटिंग में हमेशा की तरह पाकिस्तान गोलाबारी की शुरुआत करने पर मुकर गया। सौहार्द पूर्ण माहौल में हुई बैठक में दोनों ओर से गोलाबारी के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया गया।

सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई फ्लैग मीटिंग में पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के छह सदस्यीय दल का नेतृत्व ब्रिगेडियर उस्मान ने किया। जबकि भारतीय सेना के दल का नेतृत्व ब्रिगेडियर एचएस सरीन ने किया। बैठक में दोनों ओर के प्रतिनिधियों ने नियंत्रण रेखा पर शांति के महत्व को समझते हुए हालात सामान्य बनाने में सहयोग करने का निर्णय लिया।

जम्मू के कार्यवाहक पीआरओ डिफेंस एसएन आचार्य ने बताया कि भारी गोलाबारी के बाद अब हालात सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

इस वर्ष नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी के बाद यह पहली बैठक है। केवल सितंबर में ही पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर 25 बार संघर्ष विराम की धज्जियां उड़ाई हैं। इससे पहले 4 सितंबर 2014 को दोनों सेनाओं के बीच ब्रिगेडियर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई थी।

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