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अलगाववादियों के सामने मुफ्ती ने घुटने टेके : एपीएमसीसी

कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी को लेकर अलगाववादियों के दबाव में मुफ्ती सरकार का यू टर्न ने मौजूदा सरकार की असलियत उजागर कर दी है। कश्मीर में समग्र टाउनशिप बनाने के विरोध से यही साबित होता है कि सरकार ने अलगाववादियों के सामने घुटने टेक दिए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 11 Apr 2015 01:28 AM (IST)
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जम्मू जागरण संवाददाता। कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी को लेकर अलगाववादियों के दबाव में मुफ्ती सरकार का यू टर्न ने मौजूदा सरकार की असलियत उजागर कर दी है। कश्मीर में समग्र टाउनशिप बनाने के विरोध से यही साबित होता है कि सरकार ने अलगाववादियों के सामने घुटने टेक दिए हैं।

जम्मू में शुक्रवार को ऑल पार्टीज माइग्रेंटस कोआर्डीनेशन कमेटी (एपीएमसीसी) के चेयरमैन विनोद पंडित व राष्ट्रीय प्रवक्ता किंग भारती ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को प्रमुख राजनीतिक दलों की अलगाववादियों से मिलीभगत की कड़ी निंदा की। विशेषकर नेशनल कांफ्रेंस के रवैये को एपीएमसीसी नेताओं ने कोसते हुए कहा कि पंडितों को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उन्हें कहां रहना है।

कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर उपजे हालात पर अफसोस जताते हुए विनोद पंडित ने नेशनल कांफ्रेंस और अलगाववादियों के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक इंजीनियर रशीद के रवैये से भी यही साबित होता है।

उन्होंने कहा कि पंडितों की अपनी मर्जी है कि वह कब और कैसे कश्मीर वापस जाएं। राष्ट्रीय प्रवक्ता किंग भारती ने सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने पंडितों की वापसी का मुद्दा सही समय पर नहीं उठाया है। कश्मीरी पंडितों की परंपरा और विरासत को कायम रखने के लिए वादी में पंडितों के लिए अलग टाउनशिप बसाना जरूरी है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की अपैक्स कमेटी बनाने की मांग की ताकि पंडित वापसी का फैसला कर सकें।

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