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पंडितों की वापसी पर राजनीति न करें: जितेंद्र सिंह

कश्मीरी पंडितों को कश्मीर वापसी को लेकर भाजपा ने अपने तेवर कड़े करते हुए सहयोगी पार्टी पर निशाना साधते हुए स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे पर राजनीति से बाज आएं।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Wed, 15 Apr 2015 12:31 AM (IST)
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राज्य ब्यूरो, जम्मू। कश्मीरी पंडितों को कश्मीर वापसी को लेकर भाजपा ने अपने तेवर कड़े करते हुए सहयोगी पार्टी पर निशाना साधते हुए स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे पर राजनीति से बाज आएं।

प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री व ऊधमपुर-डोडा के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह ने पीडीपी का नाम लिए बिना कहा है कि वाजपेयी की इंसानियत के दायरे की बात करने वाले इस मुद्दे को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश न करें।

सिंह ने कहा कि पंडितों की वापसी एक मानवीय मुद्दा है और यह हैरान करता है कि इसे इंसानियत की नजर से देखने के बजाए इसको लेकर राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिशें हो रही हैं। बेहतर होता कि इसे इंसानियत के दायरे में रखकर कार्रवाई करते।

यही नहीं, गुलाम कश्मीर व पाकिस्तान के रिफ्यूजियों के मसलों को भी इंसानियत के दायरे में रखकर उन्हें हल करना चाहिए। गुलाम कश्मीर के रिफ्यूजियों को अब तक राज्य की नागरिकता का अधिकार नहीं है।

अपने घर लौटने को कश्मीरी पंडितों का संवैधानिक अधिकार करार देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी वापसी का विरोध करना उस संविधान का विरोध होगा, जिसकी शपथ लेकर जनप्रतिनिधि कार्य कर रहे हैं।

सिंह ने कहा कि यह कहना गलत है कि पंडित अपने घरों को लौटना नहीं चाहते हैं। इतिहास गवाह है कि घर छूटने के बाद विस्थापित परिवारों में हमेशा वापसी की चाह रहती है। जो वापसी का विरोध करने के साथ वापसी की शर्ते रख रहे हैं उन्हें पंडितों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। लोकतंत्र इसकी इजाजत देता है।

इसी बीच, पंडितों को कश्मीर का अभिन्न अंग करार देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कश्मीर की खोई शान हासिल करने के लिए जरूरी है कि उन्हें सम्मान के साथ वापस लाया जाए।

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