Move to Jagran APP

राज्य और देश के संविधान की सुरक्षा को वचनबद्ध : महबूबा

नवीन नवाज, अनंतनाग : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को भाजपा-आरएसएस के साथ अपने गठजोड़ को सही

By Edited By: Updated: Fri, 06 May 2016 05:52 PM (IST)
Hero Image

नवीन नवाज, अनंतनाग :

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने वीरवार को भाजपा-आरएसएस के साथ अपने गठजोड़ को सही ठहराते हुए कहा कि हम न सिर्फ अपनी रियासत के विशेष दर्जे और संविधान की हिफाजत के लिए बल्कि भारतीय संविधान की सुरक्षा के लिए भी वचनबद्ध हैं। उन्होंने मुस्लिम जगत में हो रहे खून खराबे का भी जिक्र किया और कहा कि अगर यूरोप में कोई मुस्लिम कहता है कि वह ¨हदुस्तान से आया है तो उस पर संदेह नहीं बल्कि विश्वास किया जाता है। यही ¨हदुस्तान की गंगा-यमुना की तहजीब है।

वीरवार को बनिहाल-बारामुला रेलवे लाइन पर चार नई रेल सेवाओं को हरी झंडी दिखाने से पूर्व अनंतनाग में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने न हुर्रियत का नाम लिया और न नेशनल कांफ्रेंस का। अलबत्ता, भाजपा के साथ मिलकर राज्य सरकार बनाने के लिए पीडीपी की आलोचना करने वालों को जवाब जरूर दिया।

मुख्यमंत्री ने नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक शेख मुहम्मद अब्दुल्ला का नाम लेते हुए कहा कि वर्ष 1947 में जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ विलय किया तो किसी एक दल के साथ नहीं किया था। उस समय ¨हदुस्तान में कांग्रेस थी, कम्यूनिस्ट पार्टी थी, आरएसएस थी और भी जमातें थी। उन्होंने इन सभी के साथ-साथ आरएसएस से भी हाथ मिलाया है। उन्होंने सभी के साथ हाथ मिलाते हुए यकीन दिलाया कि हम अपने विशेष दर्जे और शर्ताें के साथ उस मुल्क के साथ हाथ मिला रहे हैं जहां बादशाहत नहीं होगी, लोकतंत्र होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत दिनों नई दिल्ली में हुए एक सम्मेलन में भी मैंने कहा था कि जब जम्मू-कश्मीर में चुनाव होते हैं तो फिर भाजपा हो, पीडीपी हो या कोई अन्य, सभी कसम खाते हैं कि हम ¨हदुस्तान और जम्मू-कश्मीर के संविधान की हिफाजत करेंगे। इसलिए मैं कहती हूं कि हम जम्मू-कश्मीर के संविधान और देश के संविधान की हिफाजत के लिए वादाबंद हैं।

उन्होंने भारत की धर्मनिरपेक्षता और गंगा-यमुना की तहजीब का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1960 में मुफ्ती साहब अलीगढ़ से पढ़कर आए थे तो वह ¨हदुस्तान की तहजीब देखकर आए थे। मुफ्ती साहब का ख्वाब जम्मू-कश्मीर के लोगों को उस ¨हदुस्तान के साथ मिलाना था, जहां जम्हूरियत पनपती है। जहां विभिन्न धर्मो के लोग मिलकर रहते हैं। जहां अजमेर शरीफ की दरगाह पर मुस्लिमों से ज्यादा ¨हदु जाते हैं, जहां ¨हदुओं के मंदिरों की मूर्तियां मुस्लिम बनाते हैं। उन्होंने इसी बात का झंडा थामा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्ती साहब ने कभी अपनी बात नहीं बदली। आज उनकी बात सच हो रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।