RJD के खाते में गई झारखंड की ये दो 'हॉट' सीट, होली के बाद होगा बड़ा एलान; झारखंड सरकार के इस नेता ने दिया संकेत
चुनाव आयोग ने जब से लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा की है तब से राजनीतिक पार्टियों में तैयारी को लेकर हलचल और तेज हो गई है। झारखंड में 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है। इनमें से चतरा और पलामू दोनों लोकसभा सीटों से राजद चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। दो उम्मीदवार भी घोषित कर दिए गए हैं।
जुलकर नैन, चतरा। चतरा और पलामू लोकसभा सीट राजद के हिस्से में जाना करीब-करीब निश्चित हो गया है। राजद दोनों सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारियां कर ली है। चतरा से झारखंड सरकार के कौशल विकास सह उद्योग मंत्री सत्यानंद भोगता और पलामू से ममता भुइयां को उम्मीदवार बनाया जाएगा। पार्टी ने दोनों की उम्मीदवारी को हरी झंडी दे दी है। वैसे दोनों के नामों की विधिवत घोषणा होली पर्व के बाद होने की उम्मीद है। इसकी पुष्टि मंत्री सत्यानंद भोगता स्वयं की है।
पार्टी हाईकमान ने दिया चुनाव लड़ने का निर्देश: सत्यानंद भोगता
उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि पार्टी हाईकमान ने चुनाव लड़ने का निर्देश दिया है। निर्देश के आलोक में तैयारियां प्रारंभ कर दी है। यदि ऐसा होता है, तो यह चतरा संसदीय क्षेत्र के लिए अप्रत्याशित और ऐतिहासिक होगा। चूंकि सामान्य सीट है।
चतरा की इस सामान्य सीट से पहली बार किसी जनाधार वाली पार्टी का उम्मीदवार अनुसूचित जन जाति से होगा। मंत्री भोगता इससे पहले अनुसूचित जाति की श्रेणी में आते थे । लेकिन वर्ष 2022 में केंद्र सरकार ने भोगता समाज को अनुसूचित जन जाति में शामिल कर दिया।
अनुसूचित जाति से अनुसूचित जन जाति में शामिल होने के बाद उनकी राजनीतिक भागीदारी एक प्रकार से खत्म हो गई। चूंकि राष्ट्रपति से विधायक की मंजूरी मिलने के कुछ महीनों के बाद झारखंड में पंचायत चुनाव हुआ था। जिसमें भोगता जाति की भागीदारी नहीं हुई थी। कारण यह था कि अनुसूचित जन जाति की सीटें सुरक्षित नहीं है।
इसी प्रकार चतरा, सिमरिया एवं लातेहार विधानसभा चुनाव में भोगता समाज का कोई व्यक्ति उम्मीदवार नहीं बन सकता है। तीन विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। चतरा एवं सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार दशक से भोगता समाज की सक्रियता रही है। ऐसी परिस्थिति में यदि चतरा संसदीय क्षेत्र से राजद द्वारा सत्यानंद भोगता को उम्मीदवार बनाया गया, तो अप्रत्याशित के साथ-साथ ऐतिहासिक होगा।
इस सीट पर भोगता कई बार आजमा चुके किस्मत
सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक निर्वाचित हुए हैं और चार बार मंत्री बने हैं। 2000 और 2005 का चुनाव भाजपा से निर्वाचित हुए थे। दोनों बार मंत्री बने। 2009 में क्षेत्र बदल लिए और सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र सिमरिया से भाग्य आजमाया था। लेकिन सफल नहीं हो सके थे।
2014 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। परिणामस्वरूप पार्टी छोड़कर झाविमो में चले गए। चुनाव में जीत नहीं मिली। इसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव में झाविमो छोड़कर राजद में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव जीतकर मंत्री बने।
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