Dhanbad News: धनबाद में जापानी इंसेफेलाइटिस की जांच के लिए लेबोरेटरी तैयार, नहीं जाना होगा रिम्स
Dhanbad News शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज में अब जापानी इंसेफेलाइटिस की जांच शुरू होगी। इससे मरीजों को रिपोर्ट के लिए रिम्स रांची नहीं जाना पड़ेगा। 24 घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी। इस सुविधा से धनबाद समेत गिरिडीह बोकारो और संथाल के जिलों को भी फायदा होगा। लैबोरेटरी में डेंगू और चिकनगुनिया की जांच भी होगी। पिछले वर्ष 11 पीड़ित मिले थे जिनमें एक की जान चली गई थी।

मोहन गोप, धनबाद। Dhanbad News: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) के माइक्रोबायोलाजी विभाग में इस वर्ष से जापानी इंसेफेलाइटिस की जांच शुरू हो रही है। पिछले 10 वर्षों से इस जांच शुरू करने का इंतजार किया जा रहा था।
अब इस वर्ष से जापानी इंसेफेलाइटिस की जांच के लिए रिम्स जाने की जरूरत नहीं होगी। 24 घंटे में ही यह रिपोर्ट एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलाजी विभाग से ही मरीजों को मिल जाएगी। यह सेवा मिल जाने से धनबाद के अलावा गिरिडीह, बोकारो और संथाल के जिलों को भी सहूलियत होगी।
माइक्रोबायोलाजी विभाग में लौब तैयार
माइक्रोबायोलाजी विभाग में लैबोरेटरी को विकसित किया गया है। इसमें जापानी इंसेफेलाइटिस के अलावा डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की भी जांच की जाएगी। डेंगू और चिकनगुनिया की जांच पहले से ही एसएनएमएमसीएच में हो रही है, लेकिन अब नए लैबोरेट्री में इसकी जांच की जाएगी।
पिछले वर्ष 11 पीड़ित मिले थे, एक की गई थी जान
जापानी इंसेफेलाइटिस से पिछले वर्ष 11 बच्चे संक्रमित पाए गए थे। अक्टूबर 2024 में टुंडी के 8 वर्ष के पिंटू बेसरा की मौत हो गई थी। हालांकि विभाग ने मौत का कारण दूसरा बकाया था। एसएनएमएमसीएच में जांच की व्यवस्था नहीं होने की वजह से इन बच्चों के सैंपल रिम्स रांची भेजे गए थे, लेकिन सैंपल आने में ही 15 से 20 दिन का समय लग गया। इससे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी थी। लेकिन इस बार मेडिकल कालेज ने तैयारी की है।
पिछले वर्ष 1300 लोगों की डेंगू जांच
एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलाजी विभाग में वर्ष 2024 में 1300 लोगों की डेंगू की जांच की गई। इस बार भी एसएनएमएमसीएच प्रबंधन इसकी तैयारी कर रहा है। बरसात का मौसम आते ही डेंगू के मामले बढ़ जाते हैं, इसे लेकर अभी से ही विभाग अलर्ट मोड पर है और इसके लिए विभिन्न तैयारी की जा रही है।
इस वर्ष से जापानी इंसेफेलाइटिस की जांच यहां शुरू हो जाएगी। लैबोटरी तैयार है, पूणे से किट मंगाया जा रहा है। इससे रिम्स में सैंपल भेजने की अब जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉ. सुजीत कुमार तिवारी, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलाजी विभाग।
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