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सरना धर्म कोड नहीं तो वोट नहीं : बंधन

By Edited By: Updated: Tue, 02 Apr 2013 06:11 PM (IST)
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निज संवाददाता, दुमका : सरना धर्म कोड एवं पांचवीं अनुसूची अनुपालन के लिए संताल परगना सरना धार्मिक एवं सामाजिक समन्वय समिति की महारैली सोमवार को बिरसा मुंडा आउटडोर स्टेडियम में हुई। अध्यक्षता संयुक्त संयोजक सह केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति सदस्य दिलीप कुमार मुर्मू ने की।

इसमें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सरना प्रार्थना सभा के मुख्य संयोजक सह सरना धर्मगुरु बंधन तिग्गा के नेतृत्व में आये अतिथियों ने सर्वप्रथम स्व. शिवधन मरांडी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद श्री तिग्गा ने कहा कि समिति अपने अधिकार के लिए एकजुट होकर आगे बढ़े तभी शिवधन मरांडी को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। महारैली के माध्यम से समुदाय के लोगों ने सरना धर्म कोड नहीं तो वोट नहीं का संकल्प लिया है। मांझी परगना सरदार महासभा जामताड़ा के सचिव बाबूलाल सोरेन ने कहा कि जब तक धर्म कोड नहीं मिलता तब तक हम बिखरे ही रहेंगे। उन्होंने एकजुट होकर आंदोलन को जारी रखने की बात कही। सरना धर्म प्रचारक एवं सामाजिक कार्यकर्ता वीरेन्द्र भगत ने कहा कि कम संख्या वाले दूसरे धर्म को कोड मिल चुका है लेकिन आज भी सरना धर्म कोड के लिए तरस रहे हैं। ट्राइबल्स ड्रीम के संजय पाहन ने कहा कि सरना धर्म कोड पाना हमारा मौलिक अधिकार है। पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों का लाभ मिलना हमारा संवैधानिक अधिकार है। सरकार इसे देने में अगर आनाकानी करती है तो संसद का घेराव होगा। मांझी हड़ताल इंग्लिश लाल मरांडी ने कहा कि आदिवासी समाज की अपनी पारंपरिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था है। इसे मजबूत नहीं किया गया तो हमारा अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। प्रो. प्रवीण उरांव ने कहा कि सरना धर्म की उपेक्षा किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। राजकुमार पाहन ने कहा कि अधिकारों से वंचित कर हमें कमजोर करने की साजिश हो रही है। प्रो. शर्मिला सोरेन ने कहा अविलंब आदिवासियों पर अत्याचार बंद होना चाहिए। अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष कुमार चंद्र मार्डी ने कहा कि पांचवीं अनुसूची लागू नहीं कर संविधान के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने अविलंब इसे लागू करने की मांग की। आदिवासी महासभा के उपाध्यक्ष मुकेश बिरूआ ने कहा कि पूरे देश में आदिवासियों की संख्या 10 करोड़ के करीब है। हमारी मांग जायज है और सरकार को इसे किसी भी सूरत में पूरा करना होगा। महारैली को एमेली बेसरा, विश्वनाथ तिर्की, मधुसूदन मारला, फागु बेसरा, सुलेमान हांसदा, हराधन मुर्मू, त्रिलोचन टुडू, मोहरिल हांसदा, सुनील मरांडी, लखीराम हेम्ब्रम, अनिल कोल, सर्वेश्वर किस्कू, लोधरा हांसदा, लस्कर टुडू, मोहरिल हासदा, एनोस सोरेन, प्रो. इंदल पासवान, इंद्र हेम्बम, चंदन मुर्मू, निर्मल टुडू, छुत्तर किस्कू, सतीश सोरेन, चुंडा सोरेन सिपाही, नुनूलाल चौड़े, जीते मरांडी, लुबीन हेम्ब्रम, भैया हांसदा, सिकंदर हेम्ब्रम, अनिल मुर्मू, श्रीनाथ पहाड़िया, मुनी मरांडी, हरिलाल हांसदा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सुनील हेम्ब्रम एवं धर्मगुरु लश्कर सोरेन ने किया।

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