रेलवे गेस्टहाउस में रहते मवेशी
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : गिरिडीह स्टेशन के निकट रेल महकमा का गेस्टहाउस अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। यह कभी रेल महकमा के उच्च पदस्थ अधिकारियों का विश्राम स्थल हुआ करता था जो आज जीर्णशीर्ण अवस्था में है। बंगला का एक कोना ध्वस्त हो चुका है। दूसरे छोर के भवन की मरम्मत कराकर वहां रेलवे के एक कनीय अभियंता का आवास बनाया गया है।
आजादी के पूर्व बने इस भवन को तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत बतौर गेस्ट हाउस प्रयोग में लाती थी। यहां रेल विकास की संभावना कुंद होने के साथ इसके रखरखाव में ढिलाई का सिलसिला अरसे से जारी रहा। गेस्टहाउस परिसर की पांच एकड़ की जमीन पर भूमि माफियाओं की गिद्धदृष्टि जमी हुई है। परिसर की चारदीवारी क्षतिग्रस्त है और वहां मवेशियों का खटाल बना दिया गया है।
गेस्टहाउस की पश्चिम दिशा में रवींद्र इंस्टीट्यूट और पेंशनर्स एसोसिएशन का क्लब बना हुआ है। परिसर में स्थानीय बच्चों के लिए प्ले ग्राउंड बनाने की मांग वर्षो से हो रही है। अन्य शहरों में रेल महकमा सामुदायिक विकास कार्यक्रम के तहत ऐसी सुविधा देता है। परिसर में जलापूर्ति के लिए संप आदि का निर्माण भी कराया गया, लेकिन यह परियोजना बनने के पूर्व ही खटाई में पड़ गयी।
''समय-समय पर आसनसोल डिवीजन के डीआरएम की ओर से गेस्टहाउस का निरीक्षण किया जाता है। इसे अब बतौर क्वार्टर उपयोग किया जा रहा है। इसकी मरम्मत के लिए रेलवे की ओर से मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। अतिक्रमण को लेकर भी कार्रवाई की जाती है। कई बार यहां से खटालों को हटाया गया।
- आदित्य चंद्रा, कनीय अभियंता रेलवर्क्स डिवीजन
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