जिंदगी में कभी चुनाव न हारने वाली नेता, झारखंड की इस लोकसभा सीट से बनी थीं पहली महिला सांसद
पलामू लोकसभा सीट का इतिहास काफी पुराना रहा है। यहां से चुनाव जीतने वाली पहली महिला सांसद शशांक मंजरी देवी के नाम एक रिकाॅर्ड है कि वह अपने पूरे जीवन में कभी भी चुनाव नहीं हारीं। वह स्वतंत्र पार्टी के सदस्य के रूप में 1962 में हुए आम चुनाव में पलामू से लोकसभा के लिए चुनी गईं। इस सीट से सर्वाधिक चुनाव जीतने का रिकाॅर्ड कमला कुमारी के नाम है।
सच्चिदानंदl मेदिनीनगर (पलामू)। Jharkhand Lok Sabha Election 2024 : पलामू लोकसभा सीट से चुनाव जीतने वाली पहली महिला सांसद शशांक मंजरी देवी के नाम एक रिकाॅर्ड है कि वह अपने पूरे जीवन में कभी भी चुनाव नहीं हारीं। वह स्वतंत्र पार्टी के सदस्य के रूप में 1962 में हुए आम चुनाव में पलामू से लोकसभा के लिए चुनी गईं। वह रामगढ़ राज के पूर्व शाही परिवार (नारायण राज परिवार) से थीं।
इन दो जगहों से तीन बार विधायक रहीं मंजरी देवी
संयुक्त बिहार (वर्तमान झारखंड) के पोराहाट के महाराजा अर्जुन सिंह की पोती थीं। उनका विवाह रामगढ़ राज के महाराजा लक्ष्मी नारायण सिंह बहादुर से हुआ था। वह जरीडीह विधानसभा व डुमरी विधानसभा से तीन बार विधायक भी रहीं। 1969 के दौरान शशांक मंजरी बिहार की सिंचाई मंत्री भी रहीं। 29 जनवरी 1987 को उनका निधन हो गया था।
पलामू से चार बार चुनाव जीती थीं कमला कुमारी
पलामू लोकसभा सीट से सर्वाधिक चार बार चुनाव जीतने का रिकाॅर्ड कमला कुमारी के नाम है। साल 1967 में चौथी लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की। दरअसल, उसी साल पलामू सीट को अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए सुरक्षित घोषित किया गया था।
उस समय कांग्रेस ने कमला कुमारी को प्रत्याशी बनाया था। वह 1967 के चुनाव में जीतीं। साल 1972 में पांचवी लोकसभा के लिए हुए चुनाव जीतीं। लेकिन 1977 में कांग्रेस विरोधी लहर में उन्हें कांग्रेस फाॅर डेमोक्रेसी के उम्मीदवार रामदेनी राम ने हरा दिया।
उसके बाद जब 1980 में मध्यावधि चुनाव हुआ, तो वह रामदेनी राम को 45 हजार मतों से पराजित कर फिर से सांसद बनीं। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में हुए आम चुनाव में कमला कुमारी ने जनता पार्टी के प्रत्याशी सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास को एक लाख 85 हजार मतों से पराजित किया था।
पलामू लोकसभा से निर्वाचित कमला कुमारी को उनके चौथे कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सरकार में कृषि और ग्रामीण पुनर्निर्माण विभाग में केंद्रीय उप मंत्री बनाया गया था। वह 15 जनवरी, 1982 से 29 जनवरी, 1983 तक केंद्रीय उप मंत्री रहीं। वरिष्ठ कांग्रेसी हृदयानंद मिश्रा बताते हैं कि सांसद कमला कुमारी का पलामू टाइगर रिजर्व को अधिसूचित कराने व रेहला में बिहार कास्टिक एंड केमिकल्स फैक्ट्री स्थापित कराने में विशेष भूमिका थी।
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