16 फरवरी को कोयला श्रमिकों का हल्ला बोल: देशभर में छिड़ेगा आंदोलन; उद्योग के निजीकरण को लेकर उठाएंगे आवाज
कोयला उद्योग 16 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल करने जा रहा है। इसे लेकर मंगलवार को सीसीएल के तापीन नार्थ परियोजना में संयुक्त मोर्चा की एक बैठक हुई। मौके पर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि केंद्र में जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है लगातार कोयला उद्योग को कमजोर करते हुए पूंजीपतियों को सौंपनें का प्रयास कर रही है।
संवाद सूत्र, घाटो (रामगढ़)। सीसीएल हजारीबाग एरिया के तमाम परियोजनाओं में आयोजित आगामी 16 को किए जाने वाले राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर मंगलवार को सीसीएल के तापीन नार्थ परियोजना में संयुक्त मोर्चा की एक बैठक की गई। अध्यक्षता बसंत राम व संचालन बीसीकेयू के एरिया सचिव बसंत कुमार ने किया।
कोयला उद्योग को पूंजीपतियोंं को सौंपने की कोशिश
मौके पर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि केंद्र में जब से भाजपा सरकार सत्ता में आई है, लगातार कोयला उद्योग को कमजोर करते हुए पूंजीपतियों को सौंपनें का प्रयास कर रही है।
भारत सरकार कोल इंडिया में माइंस डेवलपर आपरेट और रेवन्यू शेयरिंग के माध्यम से कोयला उद्योग को निजीकरण करने की साजिश रच रही है। मोदी सरकार कोयला मजदूरों का हक और अधिकार छीनकर मजदूरों का अस्तित्व ही मिटाने में लगी हुई है। श्रम कानूनों में संशोधन कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।
16 फरवरी को होगा राष्ट्रव्यापी आंदोलन
केंद्र सरकार कोयला मजदूरों पर लगातार हमला कर रही है। कोयला मजदूरों के पेंशन व सीएमपीएफ में घोटाला हुआ है। इस तमाम ज्चलंत समस्याओं को लेकर आगामी 16 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल होने जा रहा है, जिसमें तमाम मजदूर एकता का परिचय दिखलाते हुए इस हड़ताल को सफल बनाने का काम करना है।
बैठक में मुख्य रूप से एनसीओइए के केंद्रीय सचिव बलभद्र दास, जेसीएमयू के एरिया सचिव अकल उरांव, कुर्बान अंसारी, अरूण तिर्की, किशुन महतो, मंगल सिंह, अमरजीत, ब्रदी सिंह, सुरेंद्र गंझू, पप्पू, अरुण तिर्की, संजीवन सिंह सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
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