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सरकारी खजाने में राशि जमा नहीं कर रही टाटा स्टील

रांची : जमशेदपुर में अलग-अलग 52.73 एकड़ भूमि में फैले 10 बाजारों से होने वाली राजस्व उगाही मद की राशि

By Edited By: Updated: Thu, 31 Mar 2016 12:31 AM (IST)
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रांची : जमशेदपुर में अलग-अलग 52.73 एकड़ भूमि में फैले 10 बाजारों से होने वाली राजस्व उगाही मद की राशि सरकारी खजाने में जमा करने में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी आनाकानी कर रही है। कंपनी को इस मद में 12 करोड़ 22 लाख 78 हजार रुपये (एक जनवरी 1956 से 1996-97 तक का) सरकारी कोष में जमा करना है। पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने इस संदर्भ में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। पत्र के मुताबिक जहां कंपनी पैसा देने में कोताही कर रही है, वहीं संबंधित बाजारों पर उसका नियंत्रण रहने के बावजूद उस बेशकीमती भूमि पर अतिक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है।

पत्र के अनुसार जमींदारी उन्मूलन से पूर्व समस्त सैरात टाटा स्टील के नियंत्रण में थे। जमींदारी उन्मूलन के बाद एक अगस्त 1984 को तत्कालीन बिहार सरकार और टाटा स्टील के बीच लीज के आधार पर सैरात बाजारों की बंदोबस्ती टाटा स्टील के नाम पर की गई, जिसका नवीकरण हर तीन साल पर होता आया। इससे इतर 20 अगस्त 2005 को कंपनी के साथ हुए लीज समझौते में सैरात की बंदोबस्ती का कोई उल्लेख नहीं है।

पत्र के अनुसार कंपनी के साथ सैरात की बंदोबस्ती 1984 में सिर्फ एक बार की गई। संबंधित क्षेत्र में बड़ी संख्या में स्थाई संरचना है, जो विभिन्न व्यक्तियों और संस्थाओं को आवंटित है। इन आवंटियों से कंपनी द्वारा 2015 में 27.63 लाख रुपये की वसूली की गई। कंपनी द्वारा आवंटियों से वसूल की जानेवाली राजस्व दर निर्धारण में न तो जिला प्रशासन और न ही सरकार की कोई भूमिका है।

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इनसेट

हाट/बाजार (सैरात) क्षेत्रफल

- सोनारी कागलनगर व (एकड़ में) सोनारी गुदरी बाजार 1.27

- कदमा बाजार 4.06

- घातकीडीह बाजार 4.20

- बिष्टुपुर बाजार 12.78

- साकची बाजार 17.00

- सिदगोड़ा बाजार 2.21

- गोलमुरी बाजार 4.10

- बर्मामाइंस बाजार 2.39

- मनीफीट बाजार 1.64

- बारीडीह बाजार 3.08

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कुल 52.73 एकड़

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