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रांची में बिना फ्लाईओवर के भी मिल सकती है जाम से मुक्ति

रांची : झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कांटाटोली तथा रातू रोड में फ्लाईओवर बनाए बगैर

By JagranEdited By: Updated: Sun, 12 Nov 2017 02:59 AM (IST)
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रांची में बिना फ्लाईओवर के भी मिल सकती है जाम से मुक्ति

रांची : झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कांटाटोली तथा रातू रोड में फ्लाईओवर बनाए बगैर राजधानी को जाममुक्त किए जाने का दावा किया है। उन्होंने जाम की मूल वजह देवघर, गिरिडीह, हजारीबाग, चाईबासा एवं जमशेदपुर की ओर से आनेवाली बसों के कांटाटोली होकर खादगढ़ा बस स्टैंड जाना, चौक-चौराहों पर ऑटो खड़ा कर पैसेंजर उठाना, व्यावसायिक, सरकारी तथा अन्य भवनों का व्यस्ततम मार्गो पर निर्माण तथा यातायात नियमों का सही ढंग से अनुपालन नहीं हो पाना कारण बताया है। उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें जाम की समस्या से निपटने के उपाय बताए गए हैं।

बाबूलाल ने कहा है कि रांची की पहचान राजधानी से पूर्व जिला मुख्यालय के रूप में थी। यहां की आधारभूत संरचना भी इसी के अनुरूप थे। राजधानी बनने के बाद यहां की आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। गाड़ियों की संख्या में भी इजाफा हुआ। आबादी तथा गाड़ियों में हुई वृद्धि के अनुपात में न तो सड़कें चौड़ी हुई, न ही अपेक्षित बाइपास और ¨रग रोड का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा है कि दोनों फ्लाईओवर के निर्माण में 603 रैयतों की जमीन जाएगी। रैयत जमीन देने को तैयार नहीं हैं।

मरांडी ने इस विरोधाभास से बचने के लिए मुख्यमंत्री को शहर के बाहरी हिस्सों से आनेवाली गाड़ियों को नजदीक के ¨रग रोड प्वाइंट पर बस टर्मिनल में शिफ्ट करने की नसीहत दी है। शहर से बस टर्मिनल तक की दूरी तय करने के लिए उन्होंने छोटे वाहनों को प्राथमिकता दिए जाने की अपील की है। समाहरणालय, आयुक्त कार्यालय, नगर निगम, सिविल कोर्ट, एसएसी कार्यालय, निबंधन आदि कार्यालयों को भी शहर से बाहर ही शिफ्ट करने को कहा है। बड़े-बड़े सामुदायिक भवनों आदि का भी निर्माण भी शहर से बाहर किए जाने की सलाह दी है।

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