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छात्रों के सर्वांगीण विकास तथा रोजगारोन्मुखी शिक्षा का उत्कृष्ट संस्थान है संस्कृति यूनिवर्सिटी

संस्कृति ग्रुप अत्यंत सुयोग्य, प्रतिभावान, अनुभवी एवं दूरदर्शी प्रशासकों एवं प्रबंधकों का एक मजबूत समूह है जिसकी संगठनात्म्क क्षमता अद्भुत है।

By MMI TeamEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2016 06:28 PM (IST)
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विद्यार्थी देश के कर्णधार एवं भविष्य में विकास के स्तंभ होते हैं। जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उन्हें अपने शिक्षण काल में विद्याध्ययन के साथ-साथ अनुशासन तथा बहुआयामी कार्यकलापों के निष्पादन की भी जरूरत पड़ती है और इसमें शिक्षण संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वहां विद्यार्थियों को सोना से कुंदन में परिणत किया जाता है। ऐसे ही शिक्षण संस्थानों में संस्कृति यूनिवर्सिटी का नाम उच्च स्तर पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग-2, छाता, मथुरा (यूपी) में स्थित इस विश्वविद्यालय ने शिक्षण-प्रशिक्षण के मामले में अपनी सर्वोच्चता साबित की है और इसलिए इसे वर्ष के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जो शिक्षा के क्षेत्र में इसके उत्कृष्ट योगदान का परिचायक है।

संस्कृति यूनिवर्सिटी के क्रिया-कलापों का दायरा अत्यंत विस्तृत है और इसे अनेक पुरस्कार, मेडल्स तथा प्रशंसा पत्र अब तक प्राप्त हो चुके हैं। एक रेटिंग एजेंसी के सर्वेक्षण में इस यूनिवर्सिटी को उतर प्रदेश के शीर्ष इंजीनियरिंग काॅलेजों में ।। की रेटिंग दी गई है। इसी तरह सी एम ए आई-एम टी यू द्वारा इसे मथुरा में उच्च शिक्षा का उत्कृष्ट संस्थान माना गया है। इंटरनेशनल एक्रीडिटेशन आॅर्गेनाइजेशन, यू एस ए द्वारा इस यूनिवर्सिटी को ‘एक्रीडिटेशन’ से सम्मानित किया गया है जबकि सिलिकाॅन इंडिया के सर्वेक्षण में इसे सम्पूर्ण उत्तरी भारत में शीर्ष 10 उभरते इंजीनियरिंग काॅलेजों में दूसरा स्थान दिया गया है। संस्कृति यूनिवर्सिटी को प्राप्त पुरस्कारों एवं अलंकरणों की सूची काफी लम्बी है। विश्वविद्यालय अपने सभी पाठ्यक्रमों एवं संवर्गों में शामिल विद्यार्थियों की प्रत्येक छोटी-बड़ी जरूरतों का पूरा ख्याल रखता है।

गौरतलब है कि संस्कृति यूनिवर्सिटी के युवा चेयरमैन सचिन गुप्ता व वाइस चेयरमैन राजेश गुप्ता हैं जिनके सामूहिक नेतृत्व क्षमता के साथ अनेक ऐसे विशिष्ट व्यक्तिगत गुण भी हैं जो भीड़ से अलग हटकर इन्हें एक खास पहचान दिलाते हैं तथा ये अपने विद्यार्थियों की समस्याओं को व्यक्तिगत समस्या मानते हैं और उन्हें युद्धस्तर पर पूर्ण करने की कोशिश करते हैं। ये दोनों अपने विद्यार्थियों में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण संस्थान में भी लोकप्रिय हैं। वास्तव में ये सदाचार, परोपकार एवं शालीनता की त्रिवेणी तथा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।

उल्लेखनीय है कि संस्कृति सोसायटी फाॅर एजुकेशन रिसर्च एंड डवलपमेंट द्वारा वर्ष 2010 से ही उच्चस्तर शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। विभिन्न रेटिंस एजेंसियों द्वारा इसके संस्थानों को भारतवर्ष में सर्वोतम अग्रगामी तथा सर्वाधिक तेजी से उभरने वाले संस्थानों के रूप में घोषित किया गया है। छात्रों एवं उनके अभिभावकों के जबरदस्त रिस्पांस से उत्साहित होकर प्रवर्तकों ने यूपी सरकार के अंतर्गत इसे विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकरण के पास आवेदन किया और ।नहनेज 2016 तक इसका अनुमोदन प्राप्त हो जाने की आशा है। इसके बाद संस्कृति ग्रुप उत्तर प्रदेश राज्य विद्यायी अधिनियम के अंतर्गत एक अंगीभूत विश्वविद्यालय के रूप में परिणत हो जाएगा। वस्तुतः यह विश्वविद्यालय सभी नियमों एवं शर्तों पर शत-प्रतिशत खरा उतरता है और इसकी रेटिंग भी अत्यन्त उच्च स्तर की है। शांत वातावरण में यहां पढ़ाई-लिखाई का बेहतरीन माहौल उपलब्ध है।

विश्वविद्यालय के पास वे सारी सुविधाएं एवं मशीनरी उपलब्ध है जो किसी उच्च दर्जे की यूनिवर्सिटी के लिए आवश्यक होती है। नेशनल हाईवे पर स्थित होने से दिल्ली और हरियाणा के समीप है। इसके भवन दर्शनीय है और बुनियादी ढांचागत सुविधाएं बेमिसाल तथा कलात्मक हैं। सारे फैैकल्टी के सदस्य अत्यंत योग्य, अनुभवी और प्रशिक्षित हैं। उद्योग व्यापार तथा अकादमी क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों तथा संकल्प से भरे प्रोफेशनल्स की एक सुगठित टीम इस विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रही हैं। अपने अगाध ज्ञान तथा विशाल अनुभव को वे विद्यार्थियों के साथ बांटते हैं जिससे उनमें नई उर्जा एवं जानकारी का संचार होता है। विद्यार्थियों को प्रत्येक फैकल्टी में अत्यंत उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान की जाती है।

पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्व. डाॅ. ए पी जे अब्दुल कलाम ने संस्कृति ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन को देश में सबसे तेज गति से उभरने वाले शिक्षण संस्थानों में से एक माना था। संस्कृति विश्वविद्यालय का सम्पूर्ण परिसर 40 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है और 3800 से ज्यादा छात्र-छात्राएं यहां अध्ययनरत हैं। यहां छात्रावास की सुविधा भी है जो पूरी तरह वाई-फाई से जुड़े कम्प्यूटर लैब से सुसज्जित है। चिकित्सा सुविधा भी बेहतरीन है।

संस्कृति ग्रुप का संबंध, सम्पर्क एवं गठजोड़ दुनिया भर में अनेक विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक संगठनों एवं अन्य संघों-सस्थानों के साथ है। इतना ही नहीं बल्कि इसका लगातार विस्तार भी होता जा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता एवं गठबंधन का दायरा फैल रहा है जिससे विद्यार्थियों को अपने प्रदर्शन में निरंतर सुधार लाने में सफलता मिलेगी। अमरीका के वर्जीनिया विश्वविद्यालय, इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी एवं मलेशिया की हेल्प यूनिवर्सिटी के साथ संस्कृति ग्रुप का सीधा गठजोड़ है और इसके साथ आपसी सहमति के समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। संस्कृति विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग विभाग में डिप्लोमा, बी.टेक, एम टेक, बी सी ए, समेकित बी टेक-एम टेक (पांच वर्षीय कोर्स) तथा एकीकृत बी टेक-एम बी ए का पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इसी तरह विज्ञान विभाग में बी एस सी तथा एम एस सी, पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार विभाग में डिप्लोमा एवं बी एस सी, प्रबंधन विभाग में बी काॅम (पास एवं आॅनर्स), बी बी ए, एम काॅम, एम बी ए/पीजीडीएम, एम बी ए (अंशकालिक) तथा एकीकृत बी बी ए-एम बी ए का पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के लिए मौजूद है।

स्कूल आॅफ एजुकेशन में बी ए बी एड, बी एस सी बी एड, बी एड, बी टी सी, बी एल एड तथा एम एड का पाठ्यक्रम के अलावा फैशन डिजाइनिंग, रिहैबीलिटेशन, कानून, ह्युमैनिटीज, मेडिसीन, लाइबे्ररी साइंस एवं फिजियोथैरेपी और पैरामेडिकल साइंस के संभाग में भी अनेक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। वर्ष 2016-17 के अध्ययन सत्र से छात्रवृति की सुविधा भी शुरू की गई है।

एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि संस्कृति ग्रुप गुणवत्तापरक शिक्षा के आधार पर बीबीए, एमबीए, बीटेक, एमटेक जैसे पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय प्लेसमेंट की सुविधा उपलब्ध करवाता है। बहुमुखी शिक्षा और प्लेसमेंट विभाग के उत्कृष्ट प्रदर्शन का ही परिणाम है कि एमबीए पाठ्यक्रम का शुरूआत से ही 90 प्रतिशत प्लेसमेंट रहा है। जिनमें सन् 2012 के बैच में एमबीए के छात्र रहे चेतन स्वरूप का चयन इंटरनेशनल कंपनी नाॅबेल गु्रप आॅफ सेंट्रल अफ्रीका के मुंबई ब्रांच के लिए एच.आर. आॅपरेशन के हेड के पद पर हुआ है। नाॅबेल गु्रुप आॅफ सेंट्रल अफ्रीका की मुंबई ब्रांच में हुए चेतन स्वरूप के प्लेसमेंट से संस्कृति परिवार को बेहद गर्व महसूस हुआ है। हाल ही में संस्कृति में प्लेसमेट के लिए आई दो कंपनियों में मल्टीनेशनल काॅर्पोरेशन इवोल्को इंडिया प्राईवेट लिमिटेड कंपनी ने संस्कृति के एम.बी.ए. फाईनल ईयर के छात्रों में प्रशांत एवं योगेश को अच्छे पैकेज पर चयनित किया है तो दूसरी तरफ आगरा से प्लेसमेंट के लिए बिल्डिंग सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड कंपनी ने भी संस्कृति के काबिल एवं होनहार एम.बी.ए फाइनल ईयर के छात्र राहुल को अपनी कंपनी के लिए चयनित किया है। अनेक नामचीन राष्ट्रीय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां समय-समय पर प्लेसमेंट के लिए कैंपस में अपना कैंप लगाती रहती हैं।

प्लेसमेंट करनेवाली कम्पनियों में कोकाकोला, टेक महिन्द्रा, ब्रिजस्टोन, इन्फोसिस, गोदरेज, टाटा मोटर्स, पार्क प्लाजा, आइडिया, यूरेका फोब्र्स एवं नीट आदि सम्मिलित हैं। संस्कृति यूनिवर्सिटी का इलाहाबाद, बिहार, पूर्वोत्तर क्षेत्र एवं दिल्ली आदि क्षेत्रों में काफी नाम है। इसकी लोकप्रियता विद्यार्थियों में इसलिए भी बढ़ती जा रही है क्योंकि वहां अध्ययन समाप्त करते ही जाॅब मिलने का बेहतर चांस रहता है।

निस्संदेह संस्कृति यूनिवर्सिटी को सफलता के इस उंचे मुकाम तक पहुंचाने में इसके प्रवर्तकों (प्रोमोटर्स) तथा प्रबंधकों का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रबंधकों का कहना है कि अभी तो शुरूआत ही है। आगे इसका और भी तेजी से विकास-विस्तार होना निश्चित है। शीघ्र ही इसे उतर प्रदेश सरकार का संरक्षण मिल जाएगा और फिर इसकी उन्नति-प्रगति का एक नया अध्याय आरंभ होगा।

संस्कृति ग्रुप अत्यंत सुयोग्य, प्रतिभावान, अनुभवी एवं दूरदर्शी प्रशासकों एवं प्रबंधकों का एक मजबूत समूह है जिसकी संगठनात्म्क क्षमता अद्भुत है। उसका मार्ग निर्देशन इसे सफलता की नई बुलंदी पर अवश्य पहुंचाएगा।