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खास होती है मणिपुर थाली टेस्‍ट करके देखिए

By Edited By: Updated: Tue, 22 Aug 2017 04:49 PM (IST)
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खास होती है मणिपुर थाली टेस्‍ट करके देखिए

मिलती है वैरायटी

मणिपुर मे खाने पीने की बहुत सारी वैरायटी देखने को मिलती है। यहाँ के लोग मछली बहुत शौक से खाते हैं। चूंकि यहां पर बहुत सारे आदिवासी समुदाय रहते हैं इसलिए यहां के भोजन मे तरह तरह की जंगली वनस्पतियों का समावेश देखने को मिलता है।

वेजिटेरियन थाली है उषॉप

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यहां एक खास किस्म की वेजिटेरियन थाली बड़ी मशहूर है। कहते हैं इस थाली मे 101 प्रकार के भोजन परोसे जाते हैं। धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा, परिवार मे होने वाले मांगलिक अवसरों पर इस थाली को तैयार किया जाता है। इस थाली का नाम है-उषॉप। मुख्य रूप से यह मंदिरों में विशेष अवसरों पर भगवान को भोग लगाने के लिए तैयार की जाती है। इसे बनाने में पूर्ण सात्विकता को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे केले के पत्तों से बनी कटोरियों में ही परोसा जाता है। इस खास थाली की जड़ें कहीं सत्रहवीं शताब्दी में महाराजा गंभीर सिंह जी के समय मे मिलती हैं, जब मणिपुर में वैष्णव संप्रदाय का प्रचार प्रसार शुरू ही हुआ था। बंगाली वैष्णव साधु शांतीदास गोसाई की शिक्षाओं से प्रभावित होकर वैष्णव धर्म का पालन शुरू हुआ और इस प्रकार मणिपुर में मंदिरों की स्थापना हुई और उन मंदिरों मे इस प्रकार के भोजन को तैयार किया जाने लगा। इस थाली पर शाकाहारी बंगाली खाने की छाप बखूबी नजऱ आती है।

मांसाहारी व्‍यंजन भी होते है शानदार

हालाकि बंगाली खान पान के प्रभाव के चलते यहां के खाने में मछली का भी भरपूर प्रयोग होता है। यहां का नॉनवेज खाना भी काफी बेहतरीन होता है। मछली से यहां कई तरह की स्‍वादिष्‍ट डिशेज बनाई जाती हैं। फिश से बने व्‍यंजनों की ऐसी ही एक थाली है मणिपुरी मेतेई 'थाली'। जिसमें एक डिश है नघुई नगोसिंग जो भुनी हुई बोनलेस मछली-टमाटर, नींबू के पत्ते, धनिया और अदरक तथा मिर्च के साथ बनती है और काफी स्‍पाइसी होती है।