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क्या आप जानते हैं कि इन कारणों से बच्चे सोते समय करते हैं बिस्तर गीला

चिकित्सकों का कहना है कि माता-पिता में से अगर किसी एक ने अपने बचपन में ऐसा किया हो तो बच्चे के भी बिस्तर गीला करने की संभावना करीब 50 फीसदी तक बढ़ जाती है।

By Mohit TanwarEdited By: Updated: Sat, 22 Oct 2016 12:05 PM (IST)
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बचपन में लगभग सभी बच्चे रात को सोते समय बिस्तर गीला करते हैं। कई बार देखा जाता है बच्चे बड़े होकर अपनी इस आदत को सुधार लेते हैं, तो किसी में यह बीमारी का कारण भी बन जाती है। चिकित्सकों का कहना है कि माता-पिता में से अगर किसी एक ने अपने बचपन में ऐसा किया हो तो बच्चे के भी बिस्तर गीला करने की संभावना करीब 50 फीसदी तक बढ़ जाती है।


वहीं अगर बचपन में अभिभावकों में से किसी को भी बिस्तर गीला करने की आदत नहीं थी, तो उनके बच्चे में इसकी संभावना घटकर 15 फीसदी तक रह जाती है। जानकारों का मानना है कि माता-पिता को यह समझना जरूरी है कि बिस्तर गीला करने के पीछे कई अन्य वजहों के अलावा ज़्यादातर आनुवांशिक होती है।

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बिस्तर पर पेशाब करने वाले बच्चों में आर्जीनीन वैसोप्रेसिन हार्मोन का स्तर नींद में नीचे चला जाता है, जो किडनी के द्वारा मूत्र निर्माण की प्रक्रिया को धीमा करता है। चूंकि नींद में इस हार्मोन का स्तर नीचे चला जाता है, इसलिए मूत्र निर्माण की प्रक्रिया तेज हो जाती है और मूत्राशय तेजी से भर जाता है। पांच साल की उम्र तक करीब 85 फीसदी बच्चे पेशाब पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं। लड़कियों की तुलना में लड़कों में 12 साल की उम्र तक बिस्तर गीला करने की प्रवृति अधिक होती है।

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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि बच्चों के बिस्तर पर पेशाब करने का संबंध कब्ज या अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर (एडीएचडी) से भी हो सकता है, इसलिए माता-माता को ऐसी स्थिति में बच्चे को बाल-चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

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