मछली रानी बड़ी सयानी
कुछ लोग पालते हैं मछलियों को, कुछ करते हैं उनका शिकार...पर क्या तुम्हें पता है कि मछलियां खुद कैसे करती हैं अपने शिकार पर वार...
By Babita kashyapEdited By: Updated: Mon, 19 Jan 2015 11:15 AM (IST)
कुछ लोग पालते हैं मछलियों को, कुछ करते हैं उनका शिकार...पर क्या तुम्हें पता है कि मछलियां खुद कैसे करती हैं अपने शिकार पर वार...
कुदरत ने इस दुनिया में किस्म-किस्म के जीवधारी बनाए हैं और यह उसी का कमाल है किधरती की सतह से लेकर समुद्र की गहराई तक विभिन्न रूपों में बसती है जिंदगी। समुद्र की बात करें तो सबसे पहले याद आती हैं कई तरह की रंग-बिरंगी मछलियां। इनमें से कुछ बहुत खूबसूरत होती हैं और कई शक्ल-सूरत से ही दिखती हैं खतरनाक। धरती की तरह ही समुद्र के 'इकोसिस्टम' में भी जीवधारियों का काम एक-दूसरे के बिना नहीं चल सकता है और जीवित रहने के लिए उन्हें भी या तो समुद्र की वनस्पतियों पर निर्भर रहना होता है या करना होता है दूसरे प्राणियों का शिकार। तुमने वह कहावत तो सुनी ही होगी भोलूराम कि 'बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है' लेकिन हकीकत में इस मेन्यू में मछलियों से लेकर कई किस्म के कीड़े-मकोड़े और दूसरे छोटे समुद्री प्राणी भी शामिल होते हैं। खुद को जीवित रखने के लिए अलग-अलग मछलियां कैसे-कैसे तरीकों से शिकार करती हैं, यह पढ़कर तुम वाकई हैरत में पड़ जाओगे!सिर पर है हथौड़ाशार्क का नाम सुनकर ही सिहरन होती है न भोलूराम और जब बात इस परिवार की सबसे खतरनाक मछली 'हैमरहेड' की हो तो डरना जरूरी हो जाता है। नेशनल ज्योग्राफिक मैग्जीन के मुताबिक शार्क परिवार की यह सबसे विशाल सदस्य 6 मीटर तक लंबी और 450 किलोग्राम तक वजनी हो सकती है। पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव को छोड़कर दुनिया भर के महासागरों में पाई जाने वाली इस मछली का सिर किसी विशालकाय हथौड़े जैसा प्रतीत होता है। इस शार्क
की दो आर्कं इसी हथौड़े जैसे सिर के दोनों ओर होने की वजह से यह अपने सामने ही नहीं, अगल-बगल भी देख सकती है और वह भी कई किलोमीटर तक। वैसे तो यह कई किस्म की मछलियों और समुद्री जीवधारियों को अपना भोजन बनाती है लेकिन इसका मनपसंद शिकार है एक दूसरी बेहद खतरनाक मछली 'स्टिंग रे'। पता है भोलूराम, यह समुद्र की बलुई सतह में छुपी स्टिंग रे को खोदकर बाहर निकालती है, अपने भारी-भरकम सिर से रगड़-रगड़ कर उसका डंक तोड़ती है और फिर गप्प कर जाती है।जोर का झटका
तुमने समुद्र में पाई जाने वाली कई मछलियों के बारे में पढ़ा होगा जो बिजली का हल्का-फुल्का झटका देकर अपने शिकार को बेहोश कर देती हैं। पर सागर की गहराई में पाई जाने वाली 'तारपीडो रे' और 'इलेक्ट्रिक ईल के आगे इन मछलियों का करेंट ऐसे ही है जैसे बिजली के बड़े बल्ब के सामने टॉर्च। यह इतना तेज झटका देती हैं कि शिकार लगभग अधमरा हो जाता है, जिसको यह बहुत स्वाद लेकर चट कर जाती हैं। भरोसा नहीं हो रहा है न भोलूराम तो जान लो कि अटलांटिक महासागर में पाई जाने वाली तारपीडो रे परिवार की सबसे बड़ी सदस्य तारपीडो नोबिलियाना लगभग 220 वोल्ट का बेहद तेज झटका मारती है। वहीं दक्षिण अमेरिका के समुद्री इलाकों में मौजूद इलेक्ट्रिक ईल 860 वोल्ट तक का शॉक दे सकती है।धागों का फंदादक्षिण अमेरिका के समुद्री क्षेत्र में पाई जाने वाली 'पुर्तगीज मेन ऑफ वार' देखने में जेली फिश जैसी लगती है लेकिन दरअसल यह न ही कोई मछली है और न ही कोई एक जीवधारी। दरअसल यह एक-दूसरे पर आश्रित चार समुद्री प्राणियों का एक समूह होता है। इनमें भोजन जुटाने का काम सबसे नीचे मौजूद प्राणी का होता है, जो छोटी मछलियों को अपनी जहरीली धागेनुमा संरचनाओं के फंदे में फंसाकर उनका काम तमाम कर देता है और हो जाती है चारों दोस्तों की दावत।फव्वारे से हमला'आर्चर फिश' देखने में जितनी खूबसूरत होती है, इसका छोटे कीड़ों को मारकर खाने का तरीका उतना ही है अलबेला। यह पानी के ऊपर किसी वनस्पति पर बैठे कीड़े की तरफ अपने मुंह से पानी का तेज फव्वारा फेंकती है। पता है भोलूराम, अपनी जरूरत के मुताबिक आर्चर फिश इस फव्वारे की रेंज लगभग तीन मीटर तक घटा-बढ़ा सकती है। अचानक हुए इस हमले से हड़बड़ाया कीड़ा पानी में गिरते ही बन जाता है आर्चर फिश का निवाला!पानी में धमाकाझींगा को दुनिया भर लोग लजीज सीफूड के नाम से जानते हैं लेकिन इसी के परिवार के एक सदस्य 'पिस्टल श्रिंप' का खौफ मछलियों की बिरादरी में गब्बर सिंह से कम नहीं। अपने शिकार को पकडऩे के लिए यह पानी में एक तेज धमाका करता है, जिसके झटके से छोटी मछलियां एकदम हक्की-बक्की रह जाती हैं और यह उन्हें आसानी से दबोच लेता है!'पत्थर'में जहरप्रशांत महासागर और हिंद महासागर में पाई जाने वाली 'स्टोनफिश' की गिनती दुनिया की सबसे जहरीली मछलियों में होती है। इसी जहर से यह शिकार भी करती है और शिकार होने से भी बचती है। यह बेहद खतरनाक मछली देखने में समुद्र में पड़े किसी बेडौल पत्थर जैसी लगती है और अक्सर यह कोई हरकत भी नहींकरती। जब इसे भूख लगती है तो यह धीमे से अपनी आंखें खोलती है और ऊपर से गुजरती किसी ठीक-ठाक मछली की तरफ निशाना साधकर जहरीली सुईयों जैसे कई कांटे फेंकती है। इसके पंखों में गुंथे इन कांटों का जहर इतना तेज होता है कि अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो इंसान तक की मौत हो सकती है।मनीष त्रिपाठी