चाचा नेहरू से सीखें अनुशासन
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को यदि 'गॉड ऑफ क्रिकेट' कहा जाता है, तो इसमें उनके अनुशासित जींवन का बहुत बड़ा हाथ है। तभी टीम में वे सबके चहेते हैं। अगर आप डिसिप्लिन में रहेंगे, तो आपको न केवल अपने घर में सम्मान मिलेगा, बल्कि दोस्तों के बीच भी आप पॉप्
By Edited By: Updated: Fri, 08 Nov 2013 11:52 AM (IST)
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को यदि 'गॉड ऑफ क्रिकेट' कहा जाता है, तो इसमें उनके अनुशासित जींवन का बहुत बड़ा हाथ है। तभी टीम में वे सबके चहेते हैं। अगर आप डिसिप्लिन में रहेंगे, तो आपको न केवल अपने घर में सम्मान मिलेगा, बल्कि दोस्तों के बीच भी आप पॉपुलर होंगे। आप चाहें, तो उन्हें फॉलो कर सकते हैं।
-लाइफ में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि आप टाइम की वैल्यू समझें। एक बार जो समय निकल जाता है, वह वापस नहीं आता, इसलिए अपने अनमोल समय को बर्बाद करने की बजाय सार्थक कामों में लगाएं। -अगर आप अपने बड़ों का सम्मान नहीं करेंगे, तो कोई आपको भी सम्मान नहीं देगा। अगर वे कुछ कहते हैं, तो उनकी बातों को अनसुना करने की बजाय उसे ध्यानपूर्वक सुनें। अगर आप उनकी बातों पर अमल करेंगे, तो यह और भी अच्छी बात होगी। -यदि आप गलत भाषा का प्रयोग करते हैं, तो यह आपकी पर्सनैल्टी डेवलपमेंट में कारगर नहीं होगा। आपकी अभद्र भाषा से आपके पैरेंट्स, टीचर्स के साथ-साथ दूसरे बड़े लोग भी आहत हो सकते हैं।
-आप अपने हर काम के लिए पैरेंट्स या दूसरों पर डिपेंड न हों। अगर आप अपना छोटा-मोटा काम खुद ही कर लेते हैं, तो आगे चलकर आप आत्मनिर्भर बन सकते हैं। -अगर आप कुछ गलत करते हैं, तो अपनी झूठ पर पर्दा डालने की कोशिश न करें। उसे पैरेंट्स या टीचर्स से शेयर कर सकते हैं। इससे भविष्य में झूठ बोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
-'सॉरी' और 'थैंक्स' कहने की आदत अपने अंदर डेवलप करें। अगर आप गलत करते हैं, तो सॉरी कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए।
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