सूरज से ज्यादा चमकीला तारा!
दोस्तो, आपको सूरज की चमक चमत्कृत करती होगी। सूरज की चमक पूरे सौर मंडल में तो फैली रहती ही है, यह हमारी पृथ्वी के करोड़ों जीव-जंतुओं के लिए जीवनदायी जैसा है। लेकिन सोचिये अगर करोड़ों सूरज की चमक एक साथ आ जाए तो क्या होगा? असल में नासा के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे मृत
By Edited By: Updated: Fri, 17 Oct 2014 11:42 AM (IST)
दोस्तो, आपको सूरज की चमक चमत्कृत करती होगी। सूरज की चमक पूरे सौर मंडल में तो फैली रहती ही है, यह हमारी पृथ्वी के करोड़ों जीव-जंतुओं के लिए जीवनदायी जैसा है। लेकिन सोचिये अगर करोड़ों सूरज की चमक एक साथ आ जाए तो क्या होगा? असल में नासा के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे मृत तारे की खोज की है, जिसमें एक करोड़ सूरज के बराबर ऊर्जा है। इस तारे की खोज नासा के एनयूस्टार एक्सरे टेलीस्कोप द्वारा की गई है। इसे 'सुपर ब्राइट पल्सर' नाम दिया गया है।
यह अब तक पहचाना गया सबसे चमकीला पल्सर है। यह हमारी धरती से करीब 1.2 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर मेजियर 82 गैलेक्सी में है। यह रहस्यमय सेलेस्टियल ऑब्जेक्ट्स का एक उदाहरण है जिन्हें अल्ट्रा ल्यूमिनस एक्सरे सोर्सेज या यूएलएक्स के रूप में जाना जाता है। नासा के एनयूस्टार सहित तीन टेलीस्कोप से मिले ऑब्जर्वेशनल डाटा का इस्तेमाल करते हुए इस सुपर-ब्राइट पल्सर की तस्वीर हासिल की गई है। यह एक अप्रत्याशित खोज है क्योंकि अभी तक यह माना जाता था कि सभी यूएलएक्स ब्लैक होल होते हैं। इस नई स्टडी के लीडर फ्रांस की टौलोज यूनिवर्सिटी में एस्ट्रो फिजिसिस्ट डॉ. मैटेओ बचेटी के अनुसार, जब रिसर्च साइंटिस्ट ने पहली बार तारे में चमक देखी तो उन्हें लगा कि यह किसी और सोर्स से है। इस खोज से एस्ट्रो फिजिक्स की थ्योरी पर काम करने वालों को चुनौती मिलने वाली है और इससे हमारे ब्रह्मांड में मौजूद आकर्षक ऑब्जेक्ट्स की विविधता को समझने का रास्ता भी तैयार होगा।