इसमें बच्चे की क्या गलती कसूरवार हैं आप
माता-पिता में से अगर किसी एक ने बचपन में ऐसा किया हो, तो बच्चे के भी बिस्तर गीला करने की संभावना करीब 50 फीसदी तक बढ़ जाती है।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2016 10:14 AM (IST)
बचपन में अधिकांश बच्चे रात में सोते समय बिस्तर गीला करते हैं। उम्र के साथ-साथ बच्चों की इस आदत को सुधार आ जाता है, तो किसी में यह बीमारी का कारण बन जाता है।
पढ़ें :सावधान! कहीं बच्चों के सिर के पीछे तो नही मारती आप अग्रणी बाल चिकित्सकों का कहना है कि माता-पिता में से अगर किसी एक ने बचपन में ऐसा किया हो, तो बच्चे के भी बिस्तर गीला करने की संभावना करीब 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। वहीं अगर बचपन में माता-पिता में से किसी को भी बिस्तर गीला करने की आदत नहीं थी, तो उनके बच्चे में इसकी संभावना घटकर 15 फीसदी रह जाती है। पढ़ें :बच्चों को डांटने से नहीं जाती उनकी मिट्टी खाने की आदत!
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में बाल नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी रोग विशेषज्ञ) कानव आनंद ने कहा कि माता-पिता को समझना होगा कि बिस्तर गीला करने के पीछे कई अन्य वजहों के अलावा ज़्यादातर आनुवांशिक होना है। उन्होंने कहा कि बिस्तर पर पेशाब करने वाले बच्चों में आर्जीनीन वैसोप्रेसिन हार्मोन का स्तर नींद में नीचे चला जाता है, जो किडनी के द्वारा मूत्र निर्माण की प्रक्रिया को धीमा करता है। चूंकि नींद में इस हार्मोन का स्तर नीचे चला जाता है, इसलिए मूत्र निर्माण की प्रक्रिया तेज हो जाती है और मूत्राशय तेजी से भर जाता है।
पांच साल की उम्र तक करीब 85 फीसदी बच्चे पेशाब पर नियंत्रण करना सीख जाते हैं। लड़कियों की तुलना में लड़कों में 12 साल की उम्र तक बिस्तर गीला करने की प्रवृति ज्यादा होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि बच्चों के बिस्तर पर पेशाब करने का संबंध कब्ज या अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर (एडीएचडी) से भी हो सकता है, इसलिए माता-माता के लिए जरूरी है कि वे ऐसी स्थिति में बच्चे को बाल-चिकित्सक के पास ले जाएं। दिल्ली के बाल किडनी रोग विशेषज्ञ पी.के. प्रुति ने कहा कि कई बार यौन उत्पीडऩ या परिवार में किसी के निधन की वजह से होने वाला मानसिक तनाव भी बच्चों के बिस्तर गीला करने की वजह बन जाता है।पढ़ें : गुस्सैल है आपका बच्चा तो ऐसे करें कंट्रोलपढ़ें : कितनी उम्र तक बच्चों को सार्वजनिक रूप से नग्न रखना चाहिएआइएएनएस