Parenting Tips: बच्चों की परवरिश में नहीं छोड़ना चाहते कोई कमी, तो हमेशा के लिए जिंदगी में उतार लें ये नियम
आज के बच्चे संवेदनशील के साथ-साथ हाइपरएक्टिव भी हैं। ऐसे में उन्हें हैंडल करना मां-बाप के लिए एक मुश्किल टास्क बन गया है। मोबाइल टीवी और इंटरनेट की इस फास्ट जिंदगी में बच्चों की परवरिश के लिए अपनाए जाने वाले पुराने तौर तरीके काम नहीं आएंगे। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जान लीजिए बच्चों का सही विकास करने में असरदार रहने वाले कुछ नियम।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Parenting Tips: आज बच्चों की परवरिश कोई आसान काम नहीं है। यह बात आप बड़े-बुजुर्गों के मुंह से कई बार सुन चुके होंगे। हकीकत भी यही है, कि एक जमाना था, जब बच्चों की जरूरतों को पूरा करना ही माता-पिता का काम माना जाता था, लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी इससे कहीं ज्यादा बढ़ चुकी है।
आज की पीढ़ी को पाल पोसकर बड़ा करना एक बड़ा टास्क बन गया है, जिसमें हल्की सी चूक भी आगे चलकर भविष्य के सपनों को चकनाचूर कर सकती है। आइए बिना देर किए जान लीजिए, पैरेंटिंग के कुछ ऐसे नियम, जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चों को न सिर्फ अच्छा इंसान बना पाएंगे, बल्कि उन्हें भी आगे चलकर आपके ऊपर उंगली उठाने का कोई मौका नहीं मिलेगा। आइए जानें।
प्यार और जिद का समझाएं फर्क
बच्चों को समझाएं कि प्यार और जिद में क्या फर्क होता है। अक्सर जब बच्चों की जिद पूरी न करो, तो वे मानते हैं कि उनके माता-पिता उनसे प्यार ही नहीं करते हैं। ऐसे में आप उन्हें अच्छे काम पर लाड-दुलार करने से भी पीछे न हटें, और बेतुकी जिद को पूरा करने की भूल भी न करें। धीरे-धीरे वे प्यार और जिद के अंतर को सीख जाएंगे।
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घर में भी जरूरी है अनुशासन
कई बच्चे मानते हैं, कि अनुशासन सिर्फ स्कूल या ट्यूशन तक ही सीमित है। ऐसे में उन्हें सिखाएं कि यह घर में भी उतना ही जरूरी है। अगर बच्चे उधम मचाएं, तो उसमें आप खुद को भी शामिल करने की कोशिश करें, और उन्हें ये एहसास दिलाएं कि खेल-कूद हो या पढ़ाई, सभी चीजों का एक समय होता है। बता दें, कि उन्हें मारने पीटने या बार-बार डांटने की गलती न करें, इससे वे चिड़चिड़े और जिद्दी हो सकते हैं।
सवाल करना गलत नहीं
बच्चों के सवाल पूछने पर उन्हें रोकना टोकना या डांटना अब बीते जमाने की बात हो गई है। यह किसी भी मायने में उनके विकास के लिए सही नहीं है। आप उन्हें सिखाएं कि सवाल चाहे कैसा भी हो, मन में रखने से बेहतर है कि उसे आपके साथ शेयर करें। इससे उनमें लॉजिकल समझ विकसित होने में मदद मिलती है। हर बात को सिर झुका कर या डर से अगर बच्चे मानेंगे, तो उनका सही विकास भी रुक जाएगा।
खुद से फैसले लेने दें
बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए जरूरी है, कि उन्हें खुद से फैसले लेने के बारे में सिखाएं। आप माता-पिता हैं, तो हमेशा उनके साथ तो रहेंगे ही, लेकिन उनके अंदर ये आदत विकसित करवाकर आप जमाने के सामने उन्हें धोखे और तकलीफ से बचा सकते हैं। इससे उनमें खुद से बेहतर फैसले लेने की क्षमता बढ़ेगी, और वे जीवन के हर खराब पहलू पर आपकी परवरिश को याद करेंगे।
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