भारत में बिखरा हुआ है कुदरत की खूबसूरती का अनमोल खजाना
खूबसूरत स्थानों से भरा पड़ा है हमारा देश। यहां जितना गहरे जाएंगे, उतनी ही बेहतरीन घूमने की जगहें एक्सप्लोर करने का मौका मिलेगा
कहीं घूमने का प्लान करने से पहले अक्सर जानी-पहचानी जगहों के बारे में जानकारी जुटाई जाती है। पर अनदेखेअनजाने जगहों की यात्रा का रोमांच क्या होता है, यह आप वहां जाने के बाद ही महसूस कर पाएंगे। ये ताजमहल, गोवा के समुद्री तटों, हिमाचल या हरियाली से भरा प्रदेश केरल या कन्याकुमारी से किसी मायने में कम नहीं हैं, इस राज का पता आपको उत्तर से लेकर सुदूर दक्षिणी भारत के कुछ जगहों पर घूम आने के बाद ही लग पाएगा!
लेपचाजगत, पश्चिम बंगाल
एकरसता भरी जिंदगी से निकलना चाहते हैं, तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है। पहाड़ियों के बीच बसी लेपचाजगत की खूबसूरती की चर्चा हर जगह है। यह एक छोटा गांव है। इसकी ऊंचाई 2123 मीटर है। नेचर लवर्स के साथ हनीमून के लिए भी परफेक्ट डेस्टिनेशन है। इस जगह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां से आप कंचनजंगा पर्वत को नजदीक से देख सकते हैं। साथ ही बर्डलाइफ के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां हवा घर है, जहां से चोटियों के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं। यहां 7900 फीट की ऊंचाई पर घून रॉक है, जो सनराइज प्वाइंट के लिए प्रसिद्ध है। आप एक बार यहां चले आएं, तो
बेशक इसे अपने दिल में बसा लेंगे।
कैसे जाएं : दार्जिलिंग से लेपचाजगत की दूरी 19 किलोमीटर है। नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा व न्यूजलपाईगुड़ी नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
निखोज पैथोल्स, महाराष्ट्र
कुकड़ी नदी के तेज बहाव ने एक गहरा गड्ढा बना दिया है, जो किसी दर्रे की तरह दिखता है, जैसे- यहां पत्थरों की सेज सजी हो। यहां की खूबसूरती निहारने का सही समय गर्मी का मौसम है। दरअसल, जब पानी का स्तर काफी कम होता है, तो पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। यह जगह एक भूगर्भीय करिश्मा को प्रदर्शित करता है, जो निश्चित तौर पर आपको लुभाएगा। यहां पर एक कुंड महालु देवस्थान मंदिर भी है।
कैसे जाएं : पुणे से नागपुर हाइवे होते हुए आप यहां सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यह जगह पुणे से 90 किमी. की दूरी पर है। नजदीकी रेलवे स्टेशन पुणे है ।
पाटन, गुजरात
यदि आप कुछ नई और अनोखी चीजों को एक्सप्लोर करने के शौकीन हैं, तो पाटन एक मुफीद जगह है। इस शहर में पर्यटकों की भीड़ ज्यादा नहीं है, पर जो एक बार यहां आ गया, इस जगह का मुरीद हुए बिना नहीं रह पाता। यहां की संकरी गलियां लकड़ी के बने घरों से सजी हुई हैं। यहां आपको सौ से ज्यादा जैन मंदिर मिल जाएंगे। जो महिलाएं साड़ी पहनने की शौकीन हैं, उनके लिए भी यह जगह खास है। वे यहां से एक से बढ़कर एक हाथ से बुनी साड़ियां ले जा सकती हैं।रानी की बावड़ी, सहस्त्रालिंग तालाब, खान सरोवर, जैन मंदिर प्रमुख आकर्षण हैं।
कैसे जाएं : अहमदाबाद एयरपोर्ट से यह तकरीबन 125 किलोमीटर की दूरी पर है।
डोंजू, उत्तरी सिक्किम
यह लेप्चा समुदाय का गृहनगर है। सुदूर क्षेत्र में बसा यह खूबसूरत गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। लेप्चा समुदाय के कल्चर को आप करीब से देख सकते हैं और इनकी रंग-बिरंगी दुनिया को करीब से महसूस कर सकते हैं। गौरतलब है कि लेप्चा समुदाय के लोग भी आपको अपने बीच पाकर खुश हो जाएंगे और आप भी उनके स्वागत को दिल से महसूस कर पाएंगे। खूबसूरत डोंजू की घाटियां, पैंटोंग और सक्योंग नामक बेहद आकर्षक गांव, हर तरफ झरने, बांस के पुल आदि भी आकर्षित करेंगे।
कैसे जाएं : बागडोगरा से आप टैक्सी हायर कर यहां पहुंच सकते हैं। न्यूजलपाइगुड़ी रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर मांगन और यहां से टैक्सी लेकर डोंजू के ऊपरी और निचले इलाकों की सैर संभव है।
सीमा झा
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