कश्मीर के युवाओं के हाथों में लैपटॉप होना चाहिए, पत्थर क्यों? : मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा से ‘आजादी के 70 साल : जरा याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरुआत की। उन्होंने देश के वीर सपूतों को याद किया।
इंदौर। आदिवासी जिले आलीराजपुर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाबरा से ‘आजादी के 70 साल : जरा याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरुआत की। उन्होंने देश के वीर सपूतों को याद किया।
कश्मीर पर रुख स्पष्ट करते हुए कहा- ‘जिन हाथों में लैपटॉप होना चाहिए, खेलने के लिए बैट या फुटबॉल होना चाहिए, उन्हें पत्थर थमाएं जा रहे हैं। लेकिन हम इंसानियत और कश्मीरियत को दाग नहीं लगने देंगे। देश कश्मीर का विकास चाहता है, लेकिन मुट्ठीभर लोग कश्मीर की अस्मिता को ठेस पहुंचा रहे हैं।’ मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने आजाद की जन्मस्थली का दौरा किया है।
दोपहर 2.10 बजे पहुंचे मोदी ने सबसे पहले आजाद की जन्म स्थली जाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद मंच पर आकर बोले हर देशवासी चाहता है वह कश्मीर जाए, कुछ दिन वहां बिताए। जो आजादी देश में है, वह कश्मीर में भी हो। हम वहां के युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं। कश्मीर में शांति और एकता हो। इसके लिए युवा आगे आएं और गुमराह लोगों के कंधे से बंदूक उतरवाएं। हम एक देश, एक संकल्प के साथ आगे बढ़ें।
गरीब, दलित, शोषित, वंचित की बात
मोदी ने आते ही गुजराती में कहा- भाइयों और बहनों, हूं धन्य थायो, या धरती वीरसपुतानी छे। इधर नर्मदा आवी रयी है। आदिवासी नो योगदान भी कम नी छे। इसके बाद उन्होंने आजाद के साथ टंट्या भील, राणा बख्तावर सिंह, दादाजी धूनीवाले, संत सिंगाजी और भीमा नायक का बलिदान याद करते हुए कहा आज अगस्त क्रांति दिवस है। हम गांव, गरीब, दलित, शोषित, वंचित काे मदद दें, ऊपर उठाएं।
इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत पर भरोसा
मोदी ने सौहार्द की अपील करते हुए कश्मीरी युवाओं से इसे पृथ्वी पर ‘जन्नत’ बनाने का आह्वान किया। लगभग 28 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा मेरी सरकार पूर्व पीएम अटलबिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’ के मंत्र में भरोसा रखती है। उन्होंने कहा कि युवकों के हाथों में किताब होना चाहिए, लेकिन पत्थर हैं।
कांग्रेस का आभार
मोदी ने कहा- ‘मैं अन्य दलों के साथ खासकर कांग्रेस का भी आभार मानता हूं, जिन्होंने कश्मीर मसले में हमारा साथ दिया। देशभर में तिरंगा यात्राएं निकलने वाली हैं, इसकी शुरुआत भी यहीं से हो रही है।’
शिवराज बोले- प्रधानमंत्री मुकुटमणि हैं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मोदी को मंच पर बुलाने से पहले बोले- प्रधानमंत्री जी मुकुटमणि हैं, दुनिया के नेता हैं। देश में आजाद जैसे कई शहीद हैं, जिन्हें हम भूल चुके हैं। मोदी जी धन्य हैं, जिन्होंने शहीदों को याद करने का अभियान शुरू किया।