जाकिर नाईक के भाषणों की जांच करेगी मुंबई पुलिस
महाराष्ट्र सरकार ने डॉ. जाकिर नाईक के भाषणों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश मुंबई पुलिस को दे दिए हैं।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र सरकार ने डॉ. जाकिर नाईक के भाषणों की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश मुंबई पुलिस को दे दिए हैं। दूसरी ओर गुरुवार सुबह नाईक के कार्यालय के बाहर हुए प्रदर्शन के बाद उनके कार्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
इस्लामी विद्वान डॉ.जाकिर नाईक आजकल अपने भड़काऊ भाषणों के कारण चर्चा में हैं। बंग्लादेशी अखबार डेली स्टार के अनुसार एक जुलाई को ढाका में आतंकी हमला करनेवाला एक आतंकी रोहन इम्तियाज डॉ. नाईक के भाषणों से प्रभावित था। मुसलमानों की एक संस्था रज़ा अकादमी ने आज सुबह ईद की नमाज के बाद डॉ. नाईक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। 1991 में स्थापित डॉ.नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का कार्यालय दक्षिण मुंबई के डोंगरी क्षेत्र में है। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद रफीक कादरी रिजवी के अनुसार आज ईद-उल-फित्र का पवित्र त्यौहार है। जबकि हम हर तरफ आतंकी हमले होते देख रहे हैं। हम उन लोगों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जो आतंक फैलाते हैं। इस्लाम शांति का संदेश देनेवाला मजहब है। आतंकी हमला करनेवाले मुस्लिम नहीं हो सकते। जाकिर नाईक पर पाबंदी लगनी चाहिए। उनके भाषण काफी विवादित हैं। इस प्रदर्शन के बाद ही डोंगरी स्थित आईआरएफ कार्यालय के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई हैं। हालांकि मुंबई पुलिस आधिकारिक तौर पर नाईक के कार्यालय पर किसी तरह का खतरा होने की बात से इंकार कर रही है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार उन्हें किसी प्रकार का कोई निर्देश सरकार की तरफ से नहीं दिया गया है। लेकिन किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।
बता दें कि बुधवार को शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी जाकिर नाईक पर प्रतिबंध लगाने के लिए गृहमंत्री को पत्र लिखने की बात कही थी। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी एक बयान में कहा था कि सरकार नाईक के भाषणों पर नजर रख रही है। जबकि आज सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने भी डॉ.जाकिर नाईक के भाषणों को आपत्तिजनक माना है। इसी कड़ी में आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मुंबई के पुलिस आयुक्त दत्तात्रेय पडसलगीकर को नाईक के भाषणों की जांचकर रिपोर्ट सरकार को सौंपने के निर्देश दिए हैं। कुछ वर्ष पहले डॉ. नाईक पाकिस्तान में मारे जा चुके आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन का समर्थन करने एवं हर मुस्लिम को आतंकी होने का उपदेश देने के कारण विवादों में आ चुके हैं। उनके ब्रिटेन एवं कनाडा में प्रवेश पर भी पाबंदी लगी हुई है। मलेशिया में प्रतिबंधित 16 इस्लामी विद्वानों में भी वह एक बताए जाते हैं।