महाराष्ट्र में भाजपा से अलग होने से शिवसेना को हो सकता है नुकसान
शिवसेना के कुछ विधायकों ने तो अपने मंत्रियों पर ही विधायकों से खराब बर्ताव करने का आरोप लगाया।
By Sachin MishraEdited By: Updated: Tue, 19 Sep 2017 11:34 AM (IST)
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी को महाराष्ट्र की सत्ता से अलग करना चाहते हैं। लेकिन, उनकी पार्टी के करीब दो दर्जन विधायक सरकार से अलग होने के पक्ष में नहीं हैं। यही कारण है कि शिवसेना फड़नवीस सरकार से अलग होने का निर्णय नहीं कर पा रही है।
सोमवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निवास 'मातोश्री' पर पार्टी विधायकों, सांसदों एवं सभी प्रमुख नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई। गोपनीयता बनाए रखने के लिए नेताओं के मोबाइल और लैपटॉप बाहर रखवा लिए गए थे। बैठक में केंद्र और राज्य की भाजपानीत सरकारों के प्रति नाराजगी जाहिर की गई। चर्चा हुई कि निरंतर बढ़ती महंगाई के कारण जनता परेशान है। विकास के काम नहीं हो रहे हैं। इसका नुकसान भविष्य में शिवसेना को न उठाना पड़े, इसलिए उसे खुद को सरकार से अलग कर लेना चाहिए।शिवसेना के मंत्रियों का कहना था कि उन्हें सरकार में रहते हुए भी कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। वह अपनी मर्जी से कोई निर्णय नहीं कर पाते। सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि सभी विधायक एकमत हों तो वह सरकार से अलग होने का निर्णय तुरंत कर सकते हैं। ज्यादातर विधायकों ने सत्ता से अलग होने का निर्णय उद्धव ठाकरे पर छोड़ा और कहा कि जो भी निर्णय पार्टी अध्यक्ष लेंगे वह उन्हें मंजूर होगा। लेकिन, करीब दो दर्जन विधायक सत्ता से दूर होने का मन नहीं बना पा रहे हैं।
उनका मानना है कि यदि आज चुनाव हो जाएं तो उनके पास चुनाव लड़ने के भी पैसे नहीं हैं। ऐसी स्थिति में सरकार से अलग होना नुकसानदेह हो सकता है। संभवत: विधायकों की इसी खीझ के कारण बैठक में उद्धव ठाकरे के सामने ही विधायकों के दो गुट आपस में भिड़ते नजर आए। शिवसेना के कुछ विधायकों ने तो अपने मंत्रियों पर ही विधायकों से खराब बर्ताव करने का आरोप लगाया। रायगढ़ के एक विधायक द्वारा लगाए गए ऐसे आरोप पर मंत्री रामदास कदम को कहना पड़ा कि सभी मंत्रियों को एक ही पिंजरे में मत रखो। सीधे नाम लेकर आरोप लगाओ।फड़नवीस और मोदी सरकार पर बरसे राउत
बैठक के बाद पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि पार्टी सरकार में बने रहने पर फैसला करने के बेहद करीब है। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र और देश के लोगों में इन सरकारों के प्रति बेहद नाराजगी है। सरकार की अकुशलता की वजह से लोग कई समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं। लिहाजा, शिवसेना इसका हिस्सा नहीं बनना चाहती।अच्छे दिन' की रोज की जा रही हत्यापार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में भाजपा की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने बढ़ती मुद्रास्फीति और पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि 'अच्छे दिन' की रोज हत्या की जा रही है।महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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